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This Article is From Aug 18, 2019

JNU में बोले BJP सांसद हंसराज हंस- इस यूनिवर्सिटी का नाम MNU कर दो, मोदीजी के नाम पर भी कुछ तो हो

न्यूज एजेंसी एएनआई ने इसका वीडियो जारी किया है. वीडियो में देखा जा सकता है कि हंसराज हंस कह रहे हैं, 'हमारे बुजुर्गों ने गलतियां की हैं और हम भुगत रहे हैं.'

JNU में बोले BJP सांसद हंसराज हंस- इस यूनिवर्सिटी का नाम MNU कर दो, मोदीजी के नाम पर भी कुछ तो हो
दिल्ली से लोकसभा सांसद हंसराज हंस. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

दिल्ली से लोकसभा सांसद हंसराज हंस ने जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी का नाम बदलने की वकालत की है. साथ ही उन्होंने पीएम मोदी सरकार के जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के फैसले को लेकर कहा कि यह सबको अच्छा लगा. उन्होंने यह बात जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में एक समारोह के दौरान कही. सांसद हंसराज हंस ने कहा, 'खुशी इस बात की भी है कि कश्मीर अब वाकई जन्नत होने वाला है. 370 वाला मामला सबको अच्छा लगा है. अब दुआ करो सब लोग अमन और मोहब्बत से रहें. कम से कम बम नहीं चले. मेरी तो यही दुआ है कि बम ना चलाने पड़ें. बंदा इधर का मरे या उधर का, मारा जाता एक मां का बेटा ही है. चाहे बाद में परमवीर चक्र दें या धर्मवीर चक्र, मां का बेटा वापस नहीं आता.'

न्यूज एजेंसी एएनआई ने इसका वीडियो जारी किया है. वीडियो में देखा जा सकता है कि हंसराज हंस कह रहे हैं, 'हमारे बुजुर्गों ने गलतियां की हैं और हम भुगत रहे हैं. मैं तो कहता हूं कि इसका (यूनिवर्सिटी का) नाम जेएनयू की जगह एमएनयू कर दो. मोदी जी नाम पर भी कुछ होना चाहिए. उन्होंने नामुमकिन को मुमकिन कर दिया. इसलिए कहते हैं कि मोदी है तो मुमकिन है.'

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वहीं, जम्मू क्षेत्र के पांच और जिलों में शनिवार को पाबंदियों में ढील दे दी गयी, जिससे क्षेत्र में जनजीवन सामान्य हो रहा है. जम्मू कश्मीर से विशेष दर्जा हटाये जाने के बाद इस महीने की शुरुआत में राज्य में एहतियातन पाबंदियां लगायी गयी थीं. अधिकारियों ने बताया कि चेनाब घाटी के किश्तवाड़, डोडा और रामबन जिलों और पीर पंजाल क्षेत्र के सीमावर्ती जिलों पुंछ और राजौरी में शनिवार सुबह निषेधाज्ञा में ढील दे दी गयी. अधिकारियों ने बताया कि जिले में अधिकतर दुकानें और कारोबारी प्रतिष्ठान फिर से खुल गये हालांकि शिक्षण संस्थान बंद रहे और उनके सोमवार को खुलने की संभावना है.

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उन्होंने बताया कि लैंडलाइन टेलीफोन सेवा भी बहाल कर दी गयी लेकिन मोबाइल और इंटरनेट सेवा एहतियातन निलंबित रहे. अधिकारियों ने बताया कि इन जिलों से किसी तरह की अप्रिय घटना की रिपोर्ट नहीं आयी. उन्होंने बताया कि अधिकारी स्थिति पर नजर रख रहे हैं जबकि मुख्य नगरों और जिला मुख्यालयों में काफी तादाद में पुलिस एवं अर्द्धसैनिक बल तैनात हैं. जम्मू, कठुआ, सांबा, उधमपुर और रियासी जिलों में 10 अगस्त से ही सामान्य गतिविधि बहाल हो चुकी है.

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किश्तवाड़ के जिलाधिकारी अंग्रेज सिंह राणा की ओर से शुक्रवार जारी आदेश के हवाले से अधिकारियों ने कहा कि सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील नगर से कर्फ्यू हटा लिया गया है, लेकिन अगले आदेश तक सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू रहेगी. पांच अगस्त को किश्तवाड़ जिला और उसके आस पास के गांवों में कर्फ्यू लगाया गया था लेकिन समय समय पर इसमें ढील भी दी गयी.

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