मध्य प्रदेश में कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ (Kamal Nath ) के लिए बीजेपी के दरवाजे फिलहाल बंद हो गए हैं. सूत्रों के मुताबिक- बेटे नकुलनाथ को लाने पर विचार संभव हो सकता है. वहीं कमलनाथ पूरे मामले को लेकर बैठक कर रहे हैं. उनके करीबी सज्जन सिंह वर्मा समेत कई करीबी पहुंचे हैं. अयोध्या जाने के सवाल पर सज्जन सिंह ने कहा कि सबको अयोध्या जाना चाहिए, हम लोग भी जाएंगे.
वे कांग्रेस नहीं छोड़ेंगे : दिग्विजय सिंह
बता दें कि उनके बीजेपी में जाने की अटकलों के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने रविवार को कहा था कि कमलनाथ ने अपनी राजनीतिक यात्रा सबसे पुरानी पार्टी से शुरू की थी और वह इसे नहीं छोड़ेंगे. हम सभी कमलनाथ को दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा जी (संजय गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बाद) का तीसरा बेटा मानते हैं. कमलनाथ जी हमेशा कांग्रेस के साथ रहे हैं. वह एक सच्चे कांग्रेसी नेता हैं. उन्हें मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, एआईसीसी महासचिव और मप्र कांग्रेस प्रमुख सहित सभी पद मिले हैं. कमलनाथ का चरित्र ऐसा है कि वह केंद्रीय एजेंसियों प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), आयकर विभाग (आईटी) या सीबीआई के दबाव में नहीं आएंगे.
छिंदवाड़ा से नौ बार सांसद रह चुके हैं, फिलहाल विधायक हैं कमलनाथ
दरअसल, कमलनाथ के दिल्ली आवास पर कथित तौर पर जय श्री राम लिखा झंडा फहराता देख सोशल मीडिया पर कयास लगने शुरू हो गए थे. कमलनाथ छिंदवाड़ा से नौ बार सांसद रह चुके हैं और फिलहाल वहां से वह विधायक हैं. पिछले नवंबर में हुए मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद उन्हें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था. मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री एवं कमलनाथ के समर्थक दीपक सक्सेना ने भी छिंदवाड़ा में संवाददाताओं से कहा था कि विधानसभा चुनाव में हार के बाद जिस तरह उन्हें प्रदेश पार्टी अध्यक्ष पद से हटाया गया, उससे वह आहत हैं. सक्सेना ने कहा था कि हम चाहते हैं कि उन्हें पूरा सम्मान मिलना चाहिए. वह जो भी निर्णय लेंगे, हम उसमें उनके साथ रहेंगे. उधर कमलनाथ के अन्य समर्थक और राज्य के पूर्व मंत्री विक्रम वर्मा ने अपने ‘एक्स' प्रोफाइल पर ‘जय श्री राम' लिखा था और कहा, ‘‘मैं कमलनाथ का अनुसरण करूंगा.''
कमलनाथ के बेटे के लिए बन सकता है रास्ता
ये भी खबरें आई थी कि कमलनाथ का धड़ा 23 विधायकों को अपने साथ लाने का प्रयत्न कर रहा है ताकि दल-बदल कानून उन पर लागू न हो. मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 66 विधायक हैं, लेकिन अब सूत्रों से ये खबर आ रही है कि बीजेपी के दरवाजे उनके लिए बंद हो चुके हैं, लेकिन बेटे के लिए रास्ता बन सकता है. इसके पहले मार्च, 2020 में कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता ज्योतिदिरात्य सिंधिया और उनके कई समर्थक विधायक भाजपा में चले गये थे, जिससे कमलनाथ की अगुवाई वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार गिर गयी थी.
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