भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने विभिन्न राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले चुनाव को लेकर अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं. इसी क्रम में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah) ने विभिन्न राज्यों के प्रभारियों के साथ पार्टी दफ्तर में बैठक कर रहे हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अमित शाह ने सभी राज्यों के प्रभारियों को बैठक के लिए दिल्ली बुलाया था. बैठक मंगलवार सुबह ग्यारह बजे शुरू हुई. इस बैठक झारखंड बीजेपी के प्रभारी ओम माथुर, हरियाणा के प्रभारी नरेंद्र सिंह तोमर और अनिल जैन, महाराष्ट्र के प्रभारी भूपेंद्र यादव और सरोज पांडेय और दिल्ली के प्रभारी प्रकाश जावेड़कर हिस्सा ले रहे हैं. सूत्रों के अनुसार बैठक के पहले चरण में अमित शाह ने सभी के साथ रणनीति पर चर्चा की. जबकि दोपहर तीन बजे से राज्य के हिसाब से चर्चा की जा रही है.
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सूत्रों की मानें तो बीजेपी झारखंड, महाराष्ट्र और हरियाणा में मौजूदा मुख्यमंत्रियों के चेहरे को ही आगे करके चुनाव लड़ने की तैयारी में है. जबकि दिल्ली में अगर बीजेपी जीती तो मुख्यमंत्री कौन होगा इसे लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं हो पाया है. अमित शाह ने इस बैठक के दौरान चारों ही राज्यों में पार्टी की चुनाव तैयारियों का भी जायजा लिया. गौरतलब है कि इससे पहले अमित शाह ने हरियाणा विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए कुछ दिन पहले ही राज्य में एक जनसभा की थी. इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किये जाने को देश की एकता के लिए 'मील का पत्थर' बताते हुए कांग्रेस पर यह कदम 'वोट बैंक के लालच' में नहीं उठाने का आरोप लगाया था. शाह ने कहा था कि चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) का पद सृजित करने के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वतंत्रता दिवस पर की गई घोषणा देश की रक्षा को कई गुना मजबूती प्रदान करेगी. शाह ने हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले जाट समुदाय के गढ़ जींद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए स्थानीय दिग्गज नेता बीरेंद्र सिंह का उदाहरण दिया जो पांच साल पहले कांग्रेस छोड़कर पार्टी में आये थे और ऐसा करके वह दूसरों को इसके लिए प्रेरित करते प्रतीत हुए.
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उन्होंने कहा था कि बीजपी में शामिल होने वाले अच्छे लोगों का स्वागत और सम्मान किया जाएगा. उन्होंने अक्टूबर में संभावित विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए दो तिहायी बहुमत का पूर्वानुमान जताया. शाह ने कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को प्राप्त विशेष दर्जे को समाप्त करने से क्षेत्र को आतंकवाद मुक्त बनाने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा था कि मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में सत्ता में आने के 75 दिन के भीतर ही जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया जबकि पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत सरकारें यह '72 वर्षों' में नहीं कर पाईं.
उन्होंने इसके लिए उस पार्टी के 'वोट बैंक के लालच' को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, 'अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों और अनुच्छेद 35ए को समाप्त किया जाना भारत की एकता और अखंडता के लिए मील का पत्थर है. अब कोई बाधा नहीं है.' शाह ने कहा था कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक ‘मां भारती' आज प्रसन्न हैं कि मोदी ने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटा दिया है.' उन्होंने कहा था कि हम यह कहते रहे हैं कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है लेकिन अनुच्छेद 370 कुछ ऐसा संदेश देता था कि अभी भी कुछ अधूरा है.' उन्होंने इस काम को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में अभी तक किया गया ‘‘सबसे बड़ा काम'' बताया. उन्होंने कहा था कि अनुच्छेद 370 किसी न किसी तरह से कश्मीर को भारत के साथ जुड़ने से रोक रहा था.'
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उन्होंने कहा था कि जींद की रैली से मैं देश को बताना चाहता हूं कि अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाये जाने के बाद जम्मू कश्मीर, लेह और लद्दाख के विकास में जो कोई भी बाधा थी, उसे अब हटा दिया गया है.' शाह ने कहा था कि मोदी जी के चलते अनुच्छेद 370 और 35ए अब इतिहास का हिस्सा हैं। जो मोदी ने किया वह कोई सरकार सोच भी नहीं सकती थी, अगर वह कई वर्षों तक सत्ता में बनी रहती तब भी, इस कदम को उठाने के बारे में नहीं सोच सकती थी.'
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गृहमंत्री ने इसके साथ ही पूर्ववर्ती सरकारों की चीफ आफ डिफेंस स्टाफ के पद का सृजन नहीं करने के लिए भी आलोचना की जिसकी सिफारिश 1999 के करगिल युद्ध के बाद की गई थी. उन्होंने मोदी द्वारा अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में की गई घोषणा का स्वागत करते हुए कहा था कि सरकारें आयीं और चली गईं लेकिन उन्होंने इस पर कभी भी निर्णय नहीं किया.' उन्होंने कहा कि सीडीएस तीनों सशस्त्र बलों..सेना, नौसेना और वायुसेना के बीच तालमेल सुनिश्चित करेगा. उन्होंने कहा, 'मैं महसूस करता हूं कि इसके चलते हमारी रक्षा क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी.'
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शाह ने इसके साथ ही हरियाणा में एक 'भ्रष्टाचार मुक्त' सरकार चलाने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की तारीफ की. उन्होंने कहा था कि मैं यहां खट्टर को बधाई देने के लिए आया हूं. उन्होंने कहा कि राज्य 'जमीन सौदों' के लिए बदनाम था और सरकारी नौकरियों में भर्ती एक 'व्यापार' में तब्दील हो गई थी.शाह ने कहा, "एक कार्यकाल में खट्टर ने भ्रष्टाचार को 'भूतकाल' बना दिया."
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