कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कोरोना को लेकर आई संसदीय समिति (Parliamentary Committee Report On Coronavirus) की रिपोर्ट को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है. आपको बता दें कि स्वास्थ्य संबंधी स्थायी संसदीय समिति ने‘कोविड-19 महामारी का प्रकोप और इसका प्रबंधन'' की रिपोर्ट में कहा कि 1.3 अरब की आबादी वाले देश में स्वास्थ्य पर खर्च "बेहद कम है" और भारतीय स्वास्थ्य व्यवस्था की नाजुकता के कारण महामारी से प्रभावी तरीके से मुकाबला करने में एक बड़ी बाधा आई.
समिति ने यह भी कहा है कि कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच सरकारी अस्पतालों में बेड की कमी और इस महामारी के इलाज के लिए विशिष्ट दिशानिर्देशों के अभाव में निजी अस्पतालों ने काफी बढ़ा-चढ़ाकर पैसे लिए. इसके साथ ही समिति ने जोर दिया कि स्थायी मूल्य निर्धारण प्रक्रिया से कई मौतों को टाला जा सकता था.
रविवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस रिपोर्ट के आधार पर छपी एक खबर का हवाला देते हुए केंद्र सरकार पर हमला बोला, राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा, मोदी सरकार के अनियोजित लॉकडाउन ने लाखों लोगों को गरीबी में धकेल दिया, नागरिकों के स्वास्थ्य को खतरे में डाल दिया और डिजिटल विभाजन के कारण छात्रों के भविष्य के साथ समझौता किया. यही कड़वी सच्चाई है जिसे भारत सरकार अपने झूठ के जरिए छिपाने की कोशिश करती है.
समित के अध्यक्ष रामगोपाल यादव ने शनिवार को राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को सौंपी थी. सरकार द्वारा कोविड-19 महामारी से निपटने के संबंध में यह किसी भी संसदीय समिति की पहली रिपोर्ट है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इसलिए समिति सरकार से सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली में अपने निवेश को बढ़ाने की अनुशंसा करती है.
समिति ने कहा कि जिन डॉक्टरों ने महामारी के खिलाफ लड़ाई में अपनी जान दे दी, उन्हें शहीद के रूप में मान्यता दी जानी चाहिए और उनके परिवार को पर्याप्त मुआवजा दिया जाना चाहिए.
(इनपुट एजेंसी भाषा से भी)
https://khabar.ndtv.com/news/india/there-will-be-a-meeting-tomorrow-to-choose-the-leader-of-nda-rajnath-singh-may-also-be-present-sources-2325210
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