सुशील मोदी को कैंसर, एक्स पर दर्द शेयर करते हुए लिखा- "PM को सब बता दिया है"

सुशील मोदी ने एक्स पर लिखा है कि पिछले 6 माह से कैंसर से संघर्ष कर रहा हूं. अब लोगों को बताने का समय आ गया है. लोकसभा चुनाव में कुछ नहीं कर पाऊंगा. पीएम को सबकुछ बता दिया है. देश, बिहार  और पार्टी का सदैव आभार, सदैव समर्पित.

सुशील मोदी को कैंसर, एक्स पर दर्द शेयर करते हुए लिखा-

सुशील मोदी पिछले 6 महीने से कैंसर से लड़ रहे हैं...

बिहार में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार (Sushil Modi) मोदी इस बार लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए कुछ नहीं कर पाएंगे, इसकी जानकारी उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर दी है. सुशील मोदी ने एक्स पर लिखा है कि पिछले 6 माह से कैंसर से संघर्ष कर रहा हूं. अब लोगों को बताने का समय आ गया है. लोकसभा चुनाव में कुछ नहीं कर पाऊंगा. पीएम को सबकुछ बता दिया है. देश, बिहार  और पार्टी का सदैव आभार, सदैव समर्पित.

सुशील मोदी को हुआ गले का कैंसर

बताया जा रहा है कि सुशील मोदी को गले का कैंसर हुआ है और उनका इलाज एम्स दिल्ली और टाटा मेमोरियल सेंटर में उनका इलाज चल रहा है. 

सुशील कुमार मोदी बिहार के डिप्टी सीएम के अलावा राज्यसभा  सांसद भी रह चुके हैं. वैसे इस साल पार्टी ने उन्हें राज्यसभा नहीं भेजा. वे राज्यसभा, विधानसभा, विधान परिषद सहित सभी 4 सदनों के सदस्य रह चुके हैं. 5 साल तक विधान परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं.

बिहार के वित्तमंत्री और डिप्टी सीएम रह चुके हैं सुशील मोदी

सुशील कुमार मोदी बिहार के वित्त मंत्री और डिप्टी सीएम के अलावा राज्यसभा  सांसद भी रह चुके हैं. वैसे इस साल पार्टी ने उन्हें राज्यसभा नहीं भेजा. वे राज्यसभा, विधानसभा, विधान परिषद सहित सभी 4 सदनों के सदस्य रह चुके हैं. 5 साल तक विधान परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं. सुशील मोदी का जन्म 5 जनवरी 1952 को पटना में हुआ. इनकी पढ़ाई पटना के सेंट माइकल स्कूल में हुई. इन्होंने बीएससी की डिग्री बीएन कॉलेज पटना से ली. इसके बाद वह जय प्रकाश नारायण द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन में शामिल हुए. 

चारा घोटाले को सामने लाने में अहम भूमिका

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

1990 में वह सक्रिय राजनीति में आए और पटना केंद्रीय विधानसभा से चुनाव लड़ा था.  इसे अब कुम्हार विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के रूप में जाना जाता है.  उन्होंने पटना हाईकोर्ट में लालू प्रसाद यादव के खिलाफ जनहित याचिका दायर की थी, जिसे बाद में चारा घोटाले के रूप में जाना जाता था. 2004 में वह भागलपुर के निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए लोकसभा के सदस्य बने थे. इसके बाद लगातार बिहार की राजनीति में वह अहम भूमिका निभाते रहे.