बिहार के मधेपुरा जिले में पदस्थापित एक डीएसपी पर महिला ने गंभीर आरोप लगाए हैं. आरोप में कहा गया है कि डीएसपी को महिला की तरफ से लड़कियों की सप्लाई की जाती थी. बाद में जब डीएसपी ने महिला को पैसे देना बंद कर दिया तो महिला के द्वारा उसके मोबाइल की चोरी करवा ली गयी. जिसके बाद पूरे मामले का खुलासा हो पाया. डीआईजी ऑफिस में पुलिस को दिए बयान में महिला ने अधिकारियों को लड़की सप्लाई करने का दावा किया है. महिला ने कहा कि वह हर दो-तीन दिन पर मधेपुरा डीएसपी को सहरसा से लड़की पहुंचाती थी.
महिला ने मीडिया के सामने कहा कि डीएसपी लड़कियों को एक घंटा रखने के एवज में उसे 300 और 3-4 घंटे रखने के एवज में 500 रुपये मिलते थे. वह सहरसा के रिफ्यूजी कॉलोनी से लड़की को लेकर ट्रेन से मधेपुरा जाती-आती थी. महिला के अनुसार डीएसपी पहले समय पर तय पैसा दे देता था. लेकिन पिछले कुछ दिनों से पैसा देने में आनाकानी करने लगा था. इसीलिए उसने भेजी गयी लड़की के माध्यम से डीएसपी का मोबाइल चोरी करा लिया. लेकिन चोरी की गयी मोबाइल डीएसपी की नहीं थी बल्कि वो मोबाइल एसपी की निकली. एसपी छुट्टी पर होने के दौरान उसे प्रभारी डीएसपी को सौंप कर गए थे.
मामले का खुलासा बड़े ही नाटकीय अंदाज में हुआ. कोसी क्षेत्र के डीआईजी शिवदीप लांडे ने विभागीय कार्य से जब मधेपुरा एसपी को फोन किया तो उनका मोबाइल स्विच ऑफ मिला. नियमतः सरकारी नंबर 24 घंटे ऑन रहना चाहिए. उन्होंने मधेपुरा एसपी के नम्बर को सर्विलांस पर लिया तो पता चला कि वह मोबाइल सहरसा में है. उन्होंने पुलिस पदाधिकारियों को वहां भेजा तो एक महिला के पास वह मोबाइल मिला. उसे तत्काल हिरासत में ले लिया गया. डीआईजी कार्यालय में पूछताछ के दौरान महिला ने मधेपुरा डीएसपी के करतूत की कहानी कह डाली. आरोपित डीएसपी इस संबंध में कुछ भी कहने से परहेज कर रहे हैं. इधर महिला के बयान और मीडिया में खबरें आने के बाद डीआईजी ने तीन पुलिस अधिकारियों की टीम बनाकर मामले की जांच का आदेश दिया है.
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