कांग्रेस विधायक और पंजाब सरकार में मंत्री रहे नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ बिहार में एक साल पहले लोकसभा चुनाव के प्रचार अभियान के दौरान मुकदमा दर्ज हुआ था. बिहार पुलिस कई बार अमृ़तसर का दौर करने के बावजूद अब तक सिद्धू से मिल नहीं पाई है. बुधवार को कटिहार पुलिस की एक टीम अमृतसर पहुंची थी और अब तक सिद्धू से मिल नहीं पाई है.
बिहार पुलिस में सब-इंस्पेक्टर जनार्दन राम ने एनडीटीवी को बताया कि उन्होंने स्थानीय पुलिस से संपर्क किया था और सिद्धू के घर भी गये थे लेकिन वह घर में मौजूद नहीं थे. राम ने कहा, "जब भी हम जमानत के बॉन्ड (पत्र) पर सिद्धू के हस्ताक्षर लेने आते हैं तो वह नहीं मिलते हैं. इस बार भी, हमने उनके सहयोगियों के जरिये उनसे संपर्क करने की कोशिश की है, इन्होंने भी अभी हमें इंतजार करने को कहा है."
इस बारे में अमृतसर के पुलिस आयुक्त डॉक्टर सुखचैन सिंह गिल ने कहा कि बिहार पुलिस द्वारा कभी स्थानीय पुलिस से संपर्क नहीं किया गया है. गिल ने कहा, "राज्यों के बीच संपर्क तब होता है जब टीम किसी को गिरफ्तार करने आती है. इस मामले में टीम सिर्फ न्यायिक दस्तावेज पर सिद्धू के हस्ताक्षर लेने आई है इसलिए हमें लूप में नहीं रखा गया है."
इस बीच, राम ने पुष्टि की है कि हर यात्रा के दौरान उन्होंने स्थानीय पुलिस से संपर्क किया है. यहां तक कि स्थानीय पुलिस के साथ सिद्धू के घर भी गए हैं. राम हस्ताक्षर लेने के लिए फिलहाल कुछ और दिन शहर में रुकने की तैयारी कर रहे हैं.
बिहार की कटिहार पुलिस ने पिछले साल लोकसभा चुनाव के प्रचार अभियान के दौरान सिद्ध के खिलाफ चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के लिए मामला दर्ज किया था. चुनाव अभियान के दौरान एक सभा को संबोधित करते हुए कथित तौर पर सिद्धू ने कहा था, "आप अपने आप को अल्पसंख्यक नहीं समझे. यहां आप बहुसंख्यक हैं. यहां आपकी आबादी 64 प्रतिशत है. ओवैसी जैसे लोगों के जाल में मत फंसिए. उन्हें बीजेपी ने खड़ा किया है. अपनी ताकत पहचाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हराने के लिए वोट करें."
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