
- बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए में सीट बंटवारे के बाद भी सबकुछ ठीक नहीं है
- उपेंद्र कुशवाहा ने सोशल मीडिया पर इशारों ही इशारों में फिर से नाराजगी जताई है
- दूसरी तरफ, जीतन राम मांझी ने भी कम सीट मिलने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि इसका असर एनडीए पर पड़ेगा
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए ने सीट बंटवारे का ऐलान करके महागठबंधन पर बढ़त तो बना ली है, लेकिन उनके गठबंधन के अंदर तूफान भी उठा हुआ है. दरअसल, आरएलएम के चीफ उपेंद्र कुशवाहा और हम पार्टी के मुखिया जीतन राम मांझी लगातार बयान देकर एनडीए की मुसीबत बढ़ा रहे हैं. कुशवाहा ने कल भी सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखकर समर्थकों से माफी मांगी थी. आज भी उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट किया है, जिससे साफ पता चल रहा है कि वे सीट बंटवारे से खुश नहीं दिख रहे हैं.
बादलों ने फिर साजिश की..
कुशवाहा ने आज एक्स पर पोस्ट लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर की है. उनके पोस्ट पर आरोप किसके खिलाफ है ये तो पता नहीं चल पर है लेकिन पोस्ट से साफ पता चल रहा है कि कोई उनके निशाने पर हैं. कुशवाहा ने पोस्ट में लिखा है,"आज बादलों ने फिर साजिश की, जहां मेरा घर था वहीं बारिश की. अगर फलक को जिद है बिजलियां गिराने की, तो हमें भी जिद है वहीं पर आशियां बसाने की." कल भी कुशवाहा ने एनडीए में गठबंधन के जरिए मिले 6 सीटों के लिए अपने समर्थकों से माफी मांगी है. पार्टी के सूत्रों ने बताया है कि कई ऐसी सीटें जहां कुशवाहा का दावा था वो उन्हें नहीं मिल पाई है. ऐसे में पार्टी के भीतर काफी आक्रोश है.
आज बादलों ने फिर साजिश की,
— Upendra Kushwaha (@UpendraKushRLM) October 13, 2025
जहां मेरा घर था वहीं बारिश की ।
अगर फलक को जिद है बिजलियां गिराने की,
तो हमें भी जिद है वहीं पर आशियां बसाने की ।।
मांझी ने भी मुंह फुलाया
दूसरी तरफ, हम के मुखिया मांझी ने भी सीट बंटवारे पर नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी का आकलन कम किया गया है. उन्होंने कहा कि इससे एनडीए पर असर पड़ेगा. गौरतलब है कि मांझी की पार्टी को भी 6 सीटें दी गई हैं. हालांकि, मांझी ने चार सीटों पर कैंडिडेट का ऐलान भी कर दिया है. लेकिन अगर वो ऐसे ही नाराज रहते हैं तो इसका असर एनडीए पर पड़ सकता है.
क्या बीजेपी दोनों को मनाएगी?
चूंकि सीट बंटवारे की घोषणा हो चुकी है, ऐसे में अब सीटों की बढ़ोतरी का तो फैसला नहीं हो सकता है. हां, ये जरूर है कि बीजेपी अपने सहयोगी दलों को एक बार फिर से मनाने की कोशिश जरूर करेगी. पार्टी ऐन चुनाव से पहले बीजेपी कोई मुसीबत मोल नहीं लेना चाहेगी. सीट बंटवारे से पहले जब चिराग, मांझी और कुशवाहा नाराज थे तो बीजेपी ने अपने बड़े नेताओं को इन्हें मनाने के काम पर लगाया था. देखना होगा कि बीजेपी सीट बंटवारे के बाद अब आगे क्या कदम उठाती है.
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