बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने छोटे कालाबाजारियों को माफ कर देने संबंधी अपने बयान से पलटते हुए गुरुवार को कहा कि उन्होंने ऐसा कभी नहीं कहा।
पटना में पत्रकारों से चर्चा करते हुए मांझी ने कहा कि उन्होंने कभी छोटे कालाबाजारियों को माफ करने की बात नहीं कही थी, बल्कि बड़े कालाबाजारियों पर कारवाई करने की बात कही थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है।
उल्लेखनीय है कि मांझी पटना में राज्य खाद्यान्न व्यवसायी संघ की ओर से मंगलवार को आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि छोटे व्यापारी लाभ के लिए जमाखोरी और कालाबाजारी में लिप्त होते हैं, ताकिवे अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें और अपने बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ा सकें तो उनकी नजर में यह कोई गुनाह नहीं है।
उन्होंने कहा था, "राज्य के मुखिया होने के नाते वे कह रहे हैं कि ऐसे लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि राज्य सरकार छोटे स्तर पर जमाखोरी और कालाबाजारी के लिए आपको दंडित नहीं करेगी।"
उन्होंने छोटे व्यापारियों को पकड़ने की जगह बड़े व्यापारियों पर नकेल कसने की बात कही थी और कहा था, "हम मगरमच्छ पकड़ते हैं, पोठिया नहीं।"
मुख्यमंत्री के इस बयान पर जब काफी विवाद हुआ और वह विपक्षी दलों के निशाने पर आ गए, तब बयान से पलट गए।
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