बिहार के गया जिले के टिकारी थाना क्षेत्र के एक गांव के महादलित टोला के करीब 300 लोग गांव के ही दबंगों के डर से गांव छोड़कर पलायन कर चुके हैं। जिला और पुलिस प्रशासन इन ग्रामीणों को समझाने का प्रयास कर रहा है, लेकिन ग्रामीण वापस लौटने के लिए तैयार नहीं हैं।
पुलिस के आला अधिकारियों और जिला प्रशासन ने इन लोगों को गुरुवार से टिकारी प्रखंड कार्यालय के समीप उत्प्रेरण केन्द्र में ठहराया है। पुलिस के अनुसार आरोप है कि गत 20 सितंबर को प्राथमिक कृषि साख सहयोग समिति (पैक्स) के अध्यक्ष के प्रत्याशी उदय शंकर शर्मा ने साथियों के साथ मिलकर चुनाव में संभावित प्रतिद्वंद्वी वकील मांझी के भाई अर्जुन मांझी की निर्ममतापूर्वक हत्या कर दी और शव को उसके घर के पास ही फेंक दिया।
इतना ही नहीं आरोप है कि महादलित परिवार के लोगों को गांव छोड़ने का फरमान सुनाया गया और ऐसा नहीं करने पर जान से मारने की धमकी दी गई थी। इस मामले में मृतक के बेटे के बयान के आधार पर टिकारी थाने में मामला दर्ज कराया गया है।
गया के पुलिस अधीक्षक निशांत कुमार तिवारी ने शुक्रवार को बताया कि इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। महादलित परिवार के लोग प्रशासन की एक नहीं सुन रहे हैं। पीड़ित परिवार सभी आारोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़ा है।
पुलिस मुख्यालय ने इस पूरे मामले की जांच वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से कराने का निर्णय लिया है। गया के जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि गांव में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं।
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