विज्ञापन

छत्तीसगढ़ में नक्‍सलियों को लगा बड़ा झटका... अबूझमाड़ एनकाउंटर में दो टॉप कमांडर हुए ढेर 

नक्‍सलियों की केंद्रीय समिति के दोनों सदस्य राजू दादा और कोसा दादा पिछले तीन दशकों से दंडकारण्य विशेष क्षेत्रीय समिति में सक्रिय थे.  

छत्तीसगढ़ में नक्‍सलियों को लगा बड़ा झटका... अबूझमाड़ एनकाउंटर में दो टॉप कमांडर हुए ढेर 
  • छत्तीसगढ़ पुलिस और आईटीबीपी ने अभूझमाड़ मुठभेड़ में दो शीर्ष माओवादी कमांडरों को ढेर किया है.
  • मारे गए माओवादी राजू दादा और कोसा दादा पर राज्य सरकार ने 40 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था.
  • मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में हथियार, विस्फोटक, माओवादी साहित्य और अन्य सामग्री बरामद हुई है.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्‍ली:

छत्तीसगढ़ में उस समय नक्सलियों को बड़ा झटका लगा जब इसके दो टॉप कमांडर एनकाउंटर में ढेर हो गए. छत्तीसगढ़ पुलिस की डीआरजी फोर्स और आईटीबीपी ने एनकाउटर में दोनों नक्‍सलियों को ढेर किया है. अभूझमाड़ मुठभेड़ में मारे गए माओवादी कैडरों के शवों की पहचान सीपीआई (माओवादी) केंद्रीय समिति के सदस्य राजू दादा उर्फ कट्टा रामचंद्र रेड्डी और कोसा दादा उर्फ कादरी सत्यनारायण रेड्डी के रूप में हुई है. दोनों पर छत्तीसगढ़ राज्य में 40-40 लाख रुपये का इनाम घोषित था. 

भारी मात्रा में हथियार बरामद 

मुठभेड़ स्थल से एक एके-47 राइफल, एक इंसास राइफल, एक बीजीएल लॉन्चर, भारी मात्रा में विस्फोटक, माओवादी लिट्रेचर और दूसरी सामग्री बरामद की गई है. नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक रॉबिन्सन ने बताया कि छत्तीसगढ़–महाराष्‍ट्र अंतर्राज्यीय सीमा क्षेत्र स्थित अभूझमाड़ इलाके में माओवादी गतिविधियों की सूचना पर सुरक्षा बलों ने सर्च ऑपरेशन चलाया. 22 सितंबर को चलाए गए इस अभियान के दौरान सुबह से ही माओवादी एवं सुरक्षा बलों के बीच रुक-रुक कर फायरिंग हो रही थी.  मुठभेड़ के उपरांत, मौके से दो पुरुष माओवादी कैडरों के शवों के साथ हथियार, विस्फोटक एवं अन्य सामग्री बरामद की गई. 

दोनों पर 40 लाख का इनाम 

छत्तीसगढ़ पुलिस की तरफ से बताया गया कि ये दोनों माओवादी कैडर केंद्रीय समिति के सदस्य थे. 63 साल के राजू दादा को गुड़सा उसेंदी, विजय और विकल्प नामों से जाना जाता था. वह करीमनगर, तेलंगाना का रहने वालर था. उस पर छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से 40 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था. इसी तरह से 67 साल के कोसा दादा जिसका असली नाम कादरी सत्यनारायण रेड्डी था और उसे गोपन्ना, बुचन्ना के नामों से भी जाना जाता था. वह भी तेलंगाना के करीमनगर का रहने वाला था. इस पर 40 लाख रुपये का इनाम घोषित था. इन दोनों के ही आपराधिक रिकॉर्ड और बाकी राज्यों के साथ एजेंसियों की ओर से घोषित इनाम से संबंधित जानकारियां भी जुटाई जा रही हैं. 

डीआईजी की बड़ी अपील  

नक्‍सलियों की केंद्रीय समिति के दोनों सदस्य राजू दादा और कोसा दादा पिछले तीन दशकों से दंडकारण्य विशेष क्षेत्रीय समिति में सक्रिय थे.  दोनों कई हिंसक घटनाओं के मास्टरमाइंड रहे हैं जिनमें कई जवान शहीद हुए और निर्दोष नागरिकों की जानें गईं. बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (डीआईजी) सुन्दरराज पी. ने कहा कि प्रतिबंधित माओवादी संगठन के खिलाफ चलाए जा रहे निर्णायक अभियानों से संगठन को बड़ी चोट पहुंची है. कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और प्रतिकूल मौसम के बावजूद बस्तर में तैनात पुलिस और सुरक्षा बल भारत सरकार, छत्तीसगढ़ सरकार तथा बस्तर की जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ सेवा कर रहे हैं. 

पुलिस महानिरीक्षक  बस्तर ने एक बार फिर माओवादी कैडरों और उनके नेतृत्व से अपील की कि वे यह स्वीकार करें कि माओवादी आंदोलन अब अपने अंत की ओर है. यह समय है कि वो हिंसा का मार्ग त्यागकर मुख्यधारा में लौटें और सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत सुरक्षा और फायदा हासिल करें. 
 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com