राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने बृहस्पतिवार को प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उसे जुड़े नेताओं के केरल स्थित 56 ठिकानों पर ‘गैरकानूनी और हिंसक गतिविधियों' के मामले में छापेमारी की कार्रवाई की.
एनआईए के प्रवक्ता ने बताया कि छापेमारी की कार्रवाई 12 जिलों में पीएफआई के सात राज्य कार्यकारी समिति के सदस्यों और जोनल प्रमुखों , 15 शारीरिक प्रशिक्षकों और सात काडरों के आवास पर की गयी, जो हत्या के लिए चाकू, तलवार और अन्य हथियारों का इस्तेमाल करने का प्रशिक्षण देते थे.
अधिकारी ने बताया कि 20 संदिग्धों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है. प्रवक्ता ने बताया कि सबसे अधिक एर्णाकुलम में 13 स्थानों पर छापेमारी की कार्रवाई की गई जबकि कन्नूर में नौ स्थानों, मलाप्पुरम में सात, वायनाड में छह, कोझिकोड में चार, तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, पथनमथिट्टा और अलप्पुझा में तीन-तीन, त्रिशूर और कोट्टयम में दो-दो और पल्लकड़ में जिले में एक स्थान पर छापेमारी की कार्रवाई की गई.
एनआईए ने बताया कि छापेमारी की कार्रवाई के दौरान धारदार हथियार, अपराध में संलिप्तता की संकेत करने वाली सामग्री और डिजिटल उपकरण बरामद किए गए हैं. केंद्रीय जांच एजेंसी ने बताया, ‘‘पीएफआई को आपराधिक बल प्रयोग को न्यायोचित ठहराते और युवाओं को आतंकवादी संगठनों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने हुए पाया गया.''
एनआईए ने बताया कि उसने स्वत: संज्ञान लेते हुए 19 सितंबर को मामला दर्ज किया था और तीन बाद पीएफ कार्यालय और 13 आरोपियों के आवास सहित केरल में 24 स्थानों पर छापेमारी की कार्रवाई की थी.
कई एजेंसियों के साथ की गई कार्रवाई में एनआईए ने सितंबर में कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन के दो नेताओं सहित सात पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया था और इसी साथ देश में आतंकवाद का समर्थन करने के आरोप में संगठन के खिलाफ 15 राज्यों में समन्यवित कार्रवाई की थी. अधिकारियों ने तब इस कार्रवाई को पीएफआई के खिलाफ सबसे बड़ी कार्रवाई बताया था.
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