ऐल्गार परिषद माओवादी संबंध मामले में आरोपी कवि व सामाजिक कार्यकर्ता वरवर राव (Varavara Rao) को शनिवार की रात में नानावती अस्पताल से छुट्टी मिल गई. बंबई हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने 22 फरवरी को मेडिकल आधार पर 82 वर्षीय राव को छह महीने की अंतरिम जमानत दे दी थी. बाद में राव ने अदालत से अनुरोध किया था कि जब तक उन्हें कोई जमानतदार नहीं मिल जाता है उन्हें नकद मुचलका भरने की अनुमति दी जाए. कोर्ट ने उनकी यह अर्जी सोमवार को स्वीकार कर ली थी.
अदालत ने इससे पहले कहा था कि अस्पताल से छुट्टी मिलते ही वरवर राव को तुरंत जेल से रिहा कर दिया जाए. राव अस्वस्थ होने के कारण अस्पताल में भर्ती थे.
भीमा-कोरेगांव केस में दो साल से जेल में बंद 81 साल के कवि और कार्यकर्ता वरवर राव स्वस्थ होने पर मुंबई के नानावती अस्पताल से डिस्चार्ज हो गए. उन्हें हाईकोर्ट के आदेश पर महाराष्ट्र सरकार ने अस्पताल में भर्ती किया था. उनकी वकील इंदिरा जयसिंह ने उनका फोटो ट्वीटर पर पोस्ट किया.
Free at last ! Varavara Rao out of Nanavati hospital 11.45 pm, 6th March 2021 pic.twitter.com/e3s0jZNqeM
— Indira Jaising (@IJaising) March 6, 2021
वरवर राव से कोर्ट ने कहा है कि वे मुंबई में ही रहें ताकि मामले की जांच में जरूरत होने पर उनसे पूछताछ की जा सके. उनसे जांच एजेंसी एनआईए के पास अपना पासपोर्ट जमा करने के लिए भी कहा गया है. उन्हें 50 हजार रुपये का निजी मुचलका भरने की इजाजत दे दी गई है.
वरवर राव 28 अगस्त 2018 से हरासत में थे. हाईकोर्ट ने 22 फरवरी को कहा था कि यदि उसने राव को जमानत नहीं दी, तो इससे मानवाधिकारों और जीवन और स्वास्थ्य के नागरिक अधिकारों के सिद्धांतों की रक्षा के लिए अपने कर्तव्य का पालन नहीं होगा.
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