भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद जमानत पर तिहाड़ जेल से रिहा हो गए. रिहा होने के बाद वह दिल्ली के जोर बाग के करबला पहुंचे. NDTV से बात करते हुए उन्होंने कहा कि ''मैं कोर्ट से रियायत की मांग करूंगा, प्रदर्शन करना मेरा संवैधानिक अधिकार है. पुलिस और सरकार संवैधानिक विरोध को दबा रही है.'' उन्होंने कहा कि ''पुलिस और सरकार हमारे अधिकार छीन रही है. उम्मीद है माननीय न्यायालय हमें न्याय देगा. ''
चंद्रशेखर ने कहा कि ''धर्म के आधार पर जो बंटवारा चल रहा है, उससे दलित, पिछड़ों को सबसे ज़्यादा नुकसान होगा. सरकार झूठ न बोले कि सिर्फ़ मुसलमान विरोध कर रहे हैं.'' उन्होंने कहा कि ''हम संविधान के अनुसार काम कर रहे हैं और करते रहेंगे. मैंने जामा मस्ज़िद में जाकर कोई भाषण नहीं दिया. मैंने सिर्फ़ संविधान की प्रस्तावना पढ़ी. क्या संविधान की प्रस्तावना पढ़ना गुनाह है?''
उन्होंने कहा कि ''दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार के हाथों मजबूर है. मुझ पर काफ़ी पाबंदियां लगाई गई हैं. मैं कल वापस कोर्ट में याचिका दायर कर कोर्ट से रियायत की गुहार लगाऊंगा. कोर्ट ने ही राहत दी, हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है.''
उन्होंने कहा कि ''मैं कल जामा मस्ज़िद जाऊंगा, वाल्मीकि मंदिर, बंगला साहब गुरुद्वारा जाऊंगा. मायावती के बयान पर उन्होंने कहा कि मायावती मेरी बुआ हैं वो कुछ भी कह सकती हैं. घर वालों को कुछ भी कहने की छूट है. मैं यूपी जा रहा हूं वहां जाकर देखूंगा कि क्या कुछ हुआ है.''
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