शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने फिल्म पद्मावती को लेकर निर्माता संजय लीला भंसाली से बात की.
मुंबई:
फिल्म पद्मावती को लेकर जारी विवाद के बीच शिवसेना ने कहा है कि यदि राजपूतों को किसी दृश्य से आपत्ति है तो फिल्मकार संजय लीला भंसाली को उसे हटाना चाहिए. सोमवार को शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने भंसाली से बात भी की.
पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के मुताबिक उद्धव ठाकरे ने राजपूत समुदाय के कुछ शीर्ष नेताओं के साथ बैठक के दौरान भंसाली से बात की. राजपूत नेताओं ने इस मामले में ठाकरे से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है.
शिवसेना सांसद संजय राउत ने बाद में कहा, "हमने स्पष्ट कर दिया है कि कोई सौहार्दृपूर्ण समाधान निकाला जाना चाहिए, जिससे समुदाय के हित को नुकसान न हो. यदि राजपूतों को किसी दृश्य से आपत्ति है तो भंसाली को उसे हटाना चाहिए." उन्होंने कहा कि राजपूत रानी पद्मावती न सिर्फ राजस्थान के लोगों के लिए गौरव की स्रोत हैं, बल्कि पूरे देश के हिंदुओं के लिए भी.
यह भी पढ़ें : दीपिका और भंसाली का सिर कलम करने वाले को 10 करोड़ का इनाम : बीजेपी नेता
राउत के अनुसार, राजपूत समुदाय के नेताओं ने ठाकरे को पद्मावती को लेकर देशभर में जारी विवाद के बारे में जानकारी दी और यह सुनिश्चित करने के लिए उनसे हस्तक्षेप का आग्रह किया कि फिल्म के जरिए समुदाय को किसी तरह का नुकसान नहीं होना चाहिए.
यह बैठक फिल्म की सामग्री को लेकर पैदा हुए विवाद के बीच हुई है. फिल्म के कुछ दृश्यों को लेकर राजपूत समुदाय नाराज है, जिसमें रानी पद्मावती पर फिल्माया गया एक नृत्य गीत शामिल है. राजपूत समुदाय इसे गलत और अपमानजनक बताता है. भंसाली ने कुछ मीडियाकर्मियों को फिल्म दिखाकर इस विवाद को समाप्त करने की कोशिश की है. हालांकि फिल्म को अभी केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड से मंजूरी नहीं मिली है.
VIDEO : फिल्म के सेट पर तोड़फोड़
राजपूत समुदाय के नेता और भारतीय जनता पार्टी के विधायक राज पुरोहित ने मांग की है कि भंसाली समुदाय को पत्र लिखकर उनके लिए फिल्म की एक विशेष स्क्रीनिंग रखें. पुरोहित ने कहा, "समुदाय संतुष्ट हो जाएगा कि फिल्म में कोई आपत्तिजनक सामग्री नहीं है, तभी फिल्म को रिलीज की अनुमति दी जाएगी."
(इनपुट आईएएनएस से)
पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के मुताबिक उद्धव ठाकरे ने राजपूत समुदाय के कुछ शीर्ष नेताओं के साथ बैठक के दौरान भंसाली से बात की. राजपूत नेताओं ने इस मामले में ठाकरे से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है.
शिवसेना सांसद संजय राउत ने बाद में कहा, "हमने स्पष्ट कर दिया है कि कोई सौहार्दृपूर्ण समाधान निकाला जाना चाहिए, जिससे समुदाय के हित को नुकसान न हो. यदि राजपूतों को किसी दृश्य से आपत्ति है तो भंसाली को उसे हटाना चाहिए." उन्होंने कहा कि राजपूत रानी पद्मावती न सिर्फ राजस्थान के लोगों के लिए गौरव की स्रोत हैं, बल्कि पूरे देश के हिंदुओं के लिए भी.
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राउत के अनुसार, राजपूत समुदाय के नेताओं ने ठाकरे को पद्मावती को लेकर देशभर में जारी विवाद के बारे में जानकारी दी और यह सुनिश्चित करने के लिए उनसे हस्तक्षेप का आग्रह किया कि फिल्म के जरिए समुदाय को किसी तरह का नुकसान नहीं होना चाहिए.
यह बैठक फिल्म की सामग्री को लेकर पैदा हुए विवाद के बीच हुई है. फिल्म के कुछ दृश्यों को लेकर राजपूत समुदाय नाराज है, जिसमें रानी पद्मावती पर फिल्माया गया एक नृत्य गीत शामिल है. राजपूत समुदाय इसे गलत और अपमानजनक बताता है. भंसाली ने कुछ मीडियाकर्मियों को फिल्म दिखाकर इस विवाद को समाप्त करने की कोशिश की है. हालांकि फिल्म को अभी केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड से मंजूरी नहीं मिली है.
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राजपूत समुदाय के नेता और भारतीय जनता पार्टी के विधायक राज पुरोहित ने मांग की है कि भंसाली समुदाय को पत्र लिखकर उनके लिए फिल्म की एक विशेष स्क्रीनिंग रखें. पुरोहित ने कहा, "समुदाय संतुष्ट हो जाएगा कि फिल्म में कोई आपत्तिजनक सामग्री नहीं है, तभी फिल्म को रिलीज की अनुमति दी जाएगी."
(इनपुट आईएएनएस से)
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