सेंसर बोर्ड ने 'पद्मावती' फिल्म देखने के लिए जयपुर के इतिहासकारों को बुलाया
सेंसर बोर्ड यानी सीबीएफसी ने कहा कि फिल्म को लेकर जितने भी विवाद चल रहे थे, उन्हें ध्यान में रखते हुए हमने एक 6 सदस्यीय पैनल को गठित किया ताकि एक सफल समाधान तक पहुंच सकें. इससे पहले मीडिया में ये खबर आई थी कि बोर्ड ने इस फिल्म को पास करने के लिए 26 कट्स लगाने की बात कही थी, मगर इस बात को खुद सेंसर बोर्ड के डायरेक्टर प्रसून जोशी ने खारिज किया है.
प्रसून जोशी ने साफ-साफ शब्दों में कहा है कि इस फिल्म को लेकर सेंसर बोर्ड की तरफ से किसी तरह के कट्स के सुझाव नहीं दिये गये हैं. हालांकि, इस फिल्म में पांच बदलाव की बात जरूर कही गई है. इसके अलावा रिपोर्ट्स की मानें तो बताया जा रहा है कि इन बदलाव के प्रस्ताव पर फिल्म मेकर्स, प्रोड्यूसर और डायरेक्टर भी सहमत हैं.
खैर, इस फिल्म को सेंसर बोर्ड का पास सर्टिफिकेट लेने के लिए फिल्म के भीतर पांच बदलाव करने होंगे.
ये हैं वो पांच मोडिफिकेशन्स :
- फिल्म के डिक्स्लेमर में बदलाव करने होंगे और ये स्पष्ट रूप से लिखने होंगे कि यह किसी तरह के ऐतिहासिक तथ्यों का दावा नहीं करता.
- फिल्म के नाम को थोड़ा सा चेंज करना होगा और पद्मावती से पद्मावत रखना होगा. क्योंकि फिल्म मेकर ने ये स्पष्ट किया है कि उनकी ये फिल्म ऐतिहासिक तथ्य पर बनी फिल्म नहीं है, बल्कि पद्मावत कविता पर आधारित है.
- घूमर गाने के चित्रण में भी संशोधन करने की जरूरत है.
- ऐतिहासिक स्थलों के गलत या भ्रामक संदर्भ को संशोधित करने की जरूरत है.
- डिस्क्लेमर में इस बात को जोड़ा जाए कि फिल्म में सती प्रथा का उल्लेख नहीं है और न ही उसका महिमा मंडन करती है.
Central Board of Film Certification had examining committee meeting on 28 Dec to review #Padmavati & decided to give it UA certificate along with some modifications & likely change of the title to Padmavat. Certificate to be issued once required & agreed modifications are made. pic.twitter.com/tiFIW2gDGD
— ANI (@ANI) December 30, 2017
The film was approached with balanced view keeping in mind both the filmmakers & society. Considering complexities & concerns around the film the requirement for a special panel was felt by CBFC to add perspective to the final decision: CBFC #Padmavati
— ANI (@ANI) December 30, 2017
सदस्यों द्वारा सहमित के बाद फिल्म को यूए सर्टिफिकेट के साथ रिलीज होने की अनुमति दी जाएगी. सीबीएफसी के स्पेशल पैनल में उदयपुर से अरविंद सिंह और जयपुर यूनिर्वसिटी से डॉ. चंद्रमणि सिंह और प्रोफेसर केके सिंह शामिल थे. पैनल मेंबर ने ऐतिहासिक घटनाओं और सामाजिक-सांस्कृतिक दावों को ध्यान में रखते हुए काफी लंबी बातचीत की.Special panel consisted of Arvind Singh from Udaipur, Dr.Chandramani Singh & Prof K.K. Singh of Jaipur University. Panel member had insights & also some reservations regarding claimed historical events & socio-cultural aspects which were duly discussed at length: CBFC #Padmavati
— ANI (@ANI) December 30, 2017
VIDEO: 'पद्मावती' विवाद को लेकर संसदीय पैनल के सामने पेश हुए संजय लीला भंसाली
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