भगवंत मान (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
संसद का वीडियो शूट करके फंसे भगवंत मान ने लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन को चिट्ठी लिखकर पीएम नरेंद्र मोदी को भी समन भेजने के लिए कहा है। उनका कहना है कि मैं दोषी हूं तो पीएम भी दोषी हैं।
उन्होंने खत में लिखा है कि- कल आपने मेरे वीडियो बनाने पर एक समिति बनाई है। समिति जांच करेगी कि इस वीडियो से संसद की सुरक्षा को खतरा तो नहीं पैदा हुआ? 2001 में ISI ने संसद पर हमला किया। फिर उसी 2016 में उसी ISI ने पठानकोट एयरबेस पर हमला किया। प्रधानमंत्री जी ने उसी ISI को पठानकोट एयरबेस में बाइज्जत बुलाकर घुमाया। ISI पूरे एयरबेस के नक्शे बनाकर ले गए। क्या इससे पूरे देश की सुरक्षा को खतरा नहीं हुआ? मेरा वीडियो बनाना देश की सुरक्षा के लिए खतरा है या प्रधानमंत्री जी का ISI को बुलाकर एयरबेस में घुमाना देश की रक्षा के लिए खतरा है।
मान ने आगे लिखा कि मेरा आपसे निवेदन है कि आपको इस कमेटी के कार्य का दायरा बढ़ाना चाहिए। प्रधानमंत्री जी के इस कृत को भी इस कमेटी के कार्य के दायरे में लाया जाए। मेरे साथ-साथ प्रधानमंत्री को भी यह कमेटी समन करे। यदि मैं दोषी तो प्रधानमंत्री जी मुझसे 100 गुना ज्यादा दोषी हैं। मुझे उम्मीद है कि आप पक्षपात नहीं करेंगी।
उल्लेखनीय है कि संसद की संवेदनशील जगहों का वीडियो भगवंत मान द्वारा सोशल मीडिया पर डालने के मामले में लोकसभा स्पीकर ने जांच कमेटी बना दी है। लोकसभा स्पीकर ने भगवंत मान के कारनामे को संसद की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा माना है और इसकी जांच के लिए किरीट सोमैय्या की अध्यक्षता में नौ सदस्यीय कमेटी बना दी। कमेटी को 3 अगस्त तक अपनी रिपोर्ट देनी है जिसे सदन में रखा जाएगा। तब तक मान को संसदीय कार्यवाही में शामिल न होने की सलाह दी गई है।
एनडीटीवी इंडिया से बात करते हुए भगवंत मान ने कहा था कि मेरे क्षेत्र के लोग मुझे कहते हैं कि आप हमारा मुद्दा नहीं उठाते तो मैं उनको बताता था कि संसद में मुद्दा लकी ड्रॉ से तय होता। जैसे कल 160 सांसदों से अपने सवाल शून्य काल के लिए जमा कराये तो केवल 20 सांसद ही अपने सवाल उठा पाएंगे, लेकिन लोग मानते नहीं थे और कहते थे कि संसद में कैसा लकी ड्रॉ?" मान ने कहा कि उनका मकसद संसद की सिक्योरिटी दिखाना या उसको खतरे में डालना नहीं था।
उन्होंने खत में लिखा है कि- कल आपने मेरे वीडियो बनाने पर एक समिति बनाई है। समिति जांच करेगी कि इस वीडियो से संसद की सुरक्षा को खतरा तो नहीं पैदा हुआ? 2001 में ISI ने संसद पर हमला किया। फिर उसी 2016 में उसी ISI ने पठानकोट एयरबेस पर हमला किया। प्रधानमंत्री जी ने उसी ISI को पठानकोट एयरबेस में बाइज्जत बुलाकर घुमाया। ISI पूरे एयरबेस के नक्शे बनाकर ले गए। क्या इससे पूरे देश की सुरक्षा को खतरा नहीं हुआ? मेरा वीडियो बनाना देश की सुरक्षा के लिए खतरा है या प्रधानमंत्री जी का ISI को बुलाकर एयरबेस में घुमाना देश की रक्षा के लिए खतरा है।
मान ने आगे लिखा कि मेरा आपसे निवेदन है कि आपको इस कमेटी के कार्य का दायरा बढ़ाना चाहिए। प्रधानमंत्री जी के इस कृत को भी इस कमेटी के कार्य के दायरे में लाया जाए। मेरे साथ-साथ प्रधानमंत्री को भी यह कमेटी समन करे। यदि मैं दोषी तो प्रधानमंत्री जी मुझसे 100 गुना ज्यादा दोषी हैं। मुझे उम्मीद है कि आप पक्षपात नहीं करेंगी।
उल्लेखनीय है कि संसद की संवेदनशील जगहों का वीडियो भगवंत मान द्वारा सोशल मीडिया पर डालने के मामले में लोकसभा स्पीकर ने जांच कमेटी बना दी है। लोकसभा स्पीकर ने भगवंत मान के कारनामे को संसद की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा माना है और इसकी जांच के लिए किरीट सोमैय्या की अध्यक्षता में नौ सदस्यीय कमेटी बना दी। कमेटी को 3 अगस्त तक अपनी रिपोर्ट देनी है जिसे सदन में रखा जाएगा। तब तक मान को संसदीय कार्यवाही में शामिल न होने की सलाह दी गई है।
एनडीटीवी इंडिया से बात करते हुए भगवंत मान ने कहा था कि मेरे क्षेत्र के लोग मुझे कहते हैं कि आप हमारा मुद्दा नहीं उठाते तो मैं उनको बताता था कि संसद में मुद्दा लकी ड्रॉ से तय होता। जैसे कल 160 सांसदों से अपने सवाल शून्य काल के लिए जमा कराये तो केवल 20 सांसद ही अपने सवाल उठा पाएंगे, लेकिन लोग मानते नहीं थे और कहते थे कि संसद में कैसा लकी ड्रॉ?" मान ने कहा कि उनका मकसद संसद की सिक्योरिटी दिखाना या उसको खतरे में डालना नहीं था।
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