अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन (Ram Temple in Ayodhya)और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होने जा रहे है. इससे 5 दिन पहले यानी 17 जनवरी को ओडिशा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर के हेरिटेज कॉरिडोर (Jagannath Heritage Corridor) का उद्घाटन होने जा रहा है. जगन्नाथ मंदिर के हेरिटेज कॉरिडोर को 'श्रीमंदिर परिक्रमा प्रकल्प' के नाम से जाना जाता है, जो राज्य की नवीन पटनायक (Naveen Patnaik) सरकार और बीजू जनता दल का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट रहा है. इस कॉरीडोर के निर्माण में करीब 943 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं.
चार धाम यात्रा में ओडिशा का जगन्नाथ पुरी मंदिर भी शामिल है. इस मंदिर में भगवान जगन्नाथ के साथ उनके बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा की पूजा की जाती है. श्रीमंदिर परिक्रमा प्रकल्प (SPP) या जगन्नाथ मंदिर हेरिटेज कॉरिडोर प्रोजेक्ट के उद्घाटन से एक दिन पहले ही ओडिशा और देश के अन्य क्षेत्रों से श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया है.
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एक दिव्य अभियान
'टाइम्स ऑफ इंडिया' की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य सरकार ने पुरी के इंफ्रास्ट्रक्चर को बदलने के लिए 'अमा ओडिशा, नबीन ओडिशा' (हमारा ओडिशा नया ओडिशा) योजना शुरू की. इसके तहत 4,000 करोड़ से ज्यादा का निवेश किया गया. इस विशाल प्रोजेक्ट के सेंटर में 2.8 किमी लंबा बाइपास श्री सेतु है. यह बाइपास राज्य की राजधानी भुवनेश्वर से जगन्नाथ मंदिर तक यात्रा के समय को कम करने का वादा करता है.
हालांकि, 'अमा ओडिशा, नबीन ओडिशा' प्रोजेक्ट का फोकस 12वीं सदी का बना जगन्नाथ मंदिर के आसपास करीब 1,943 करोड़ की लागत से बना हेरिटेज कॉरीडोर है. इस आर्किटेक्चरल में 75 मीटर का हेरिटेज कॉरीडोर शामिल है. इसे बफर जोन, पेड़ों से घिरे आउटर लेन और एक सार्वजनिक सुविधा क्षेत्र के साथ डिजाइन किया गया है.
इमेज चमकाने की राजनीति
समाचार एजेंसी PTI के मुताबिक अयोध्या से दूर ओडिशा अब इस हेरिटेज कॉरीडोर के उद्घाटन के लिए तैयार है. भगवान जगन्नाथ और मुख्यमंत्री पटनायक की तस्वीरों से सजे 8000 गाड़ियों का एक बेड़ा राज्य में उद्घाटन कार्यक्रम का प्रचार कर रहा है.
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खबर के मुताबिक, ओडिशा की नवीन पटनायक सरकार ने सभी जिलों के कलेक्टरों को 22 जनवरी से हर पंचायत और नागरिक निकाय से पुरी तक भक्तों की नियमित आवाजाही तय करने का निर्देश दिया है. इस उद्देश्य के लिए स्पेशल फंड की भी व्यवस्था की गई है.
नवीन पटनायक के आलोचक
राज्य में विपक्ष 'अमा ओडिशा, नबीन ओडिशा' प्रोजेक्ट का विरोध कर रहा है. उसका आरोप है कि सरकारी पैसे को सत्ताधारी पार्टी बीजू जनता दल (BJD) के प्रचार के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. कई आलोचकों का तर्क है कि बीजेडी की धार्मिक पहुंच बीजेपी की चाल को प्रतिबिंबित करती है, जो धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को त्यागने का सुझाव देती है.
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कॉरीडोर से आगे की रणनीति
इस इंट्रिकेट प्रोजेक्ट में न सिर्फ कॉरीडोर बल्कि मंदिर परिसर का व्यापक पुनर्विकास भी शामिल है. इनोवेटिव श्री सेतु से लेकर भक्तों के आराम के लिए एक समर्पित शटल लेन और एक एसी सुरंग तक बनाई गई है. इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य मंदिर परिसर में बढ़ती भीड़ को कम करना और त्योहारों, विशेषकर रथ यात्रा के दौरान भगदड़ जैसी स्थितियों को रोकना है.
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