पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर (Jagannath temple) के प्रशासन ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India) को भगवान के रत्न भंडार की ढांचागत स्थिति जांचने के लिए लेजर स्कैनिंग तकनीक से जांच करने की अनुमति शनिवार को दे दी. चार धामों में से एक पुरी स्थित 12वीं सदी के इस मंदिर में लेजर तकनीक से यह पता किया जाएगा कि पत्थर की दीवारों में कोई दरार तो नहीं आई या कोई क्षति तो नहीं हुई है.
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक रंजन के.दास बताया, ‘‘हमने एएसआई को रत्न भंडार की लेजर तकनीक से जांच करने की अनुमति दे दी और एजेंसी इस दौरान मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ का ध्यान रखते हुए प्रक्रिया पूरी करेगी.''
उन्होंने बताया कि लेजर स्कैनिंग पवित्र कार्तिक महीने के बाद शुरू होने की उम्मीद है जो अक्टूबर के आखिर से नवंबर के आखिर के बीच पड़ रहा है.
एएसआई अधिकारी ने बताया, ‘‘रत्न भंडार के प्रत्येक पत्थर की जांच की जाएंगी ताकि मामूली दरार का भी पता लगाया जा सके. इस दस्तावेजीकरण का इस्तेमाल रत्न भंडार के सरंक्षण और ढांचे की भौतिक स्थिति का पता लगाने के लिए किया जाएगा.''
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