दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को पेमेंट ऐप BharatPe और इससे अलग हो चुके सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर को अलग होने के बाद भी एक-दूसरे के प्रति विनम्र रहने की सलाह दी.
न्यायमूर्ति नवीन चावला ने ग्रोवर ( भारत-पे के पूर्व एमडी) और उनके परिवार के सदस्यों को कंपनी के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक बयान देने से रोकने के लिए भारतपे के मुकदमे की सुनवाई करते हुए, सोशल मीडिया को "हमें इस स्तर पर नीचे लाने" के लिए दोषी ठहराया और दोनों पार्टियों के वकील को तदनुसार " सलाह ”उनके संबंधित ग्राहक को देने का सलाह दिया.
भारत-पे द्वारा ग्रोवर और उनके परिजनों पर सोशल मीडिया पर कथित रूप से अपमानजनक बयान दिए जाने को लेकर किए गए मुकदमे की सुनवाई करते हुए जस्टिस नवीन चावला ने सोशल मीडिया को "हमें इस स्तर तक नीचे लाने" के लिए दोषी ठहराया और दोनों पार्टियों के वकील से अपने संबंधित ग्राहकों को तदनुसार "सलाह" देने के लिए कहा.
जबकि वादी कंपनी के वरिष्ठ वकील ने आरोप लगाया कि मामले के लंबित होने के बावजूद ग्रोवर ने आपत्तिजनक बयान देना जारी रखा. बाद के वकील ने कहा कि "बदनामी और आरोप और मानहानि दोनों पक्षों से है. उन्होंने ये भी दावा किया कि दूसरे पक्ष ने भी जानकारी लीक की है.
वकीलों की बात सुनकर कोर्ट ने कहा, “सोशल मीडिया ने असलियत में हमें इस स्तर तक नीचे ला दिया है. हम यहां क्या कर रहे हैं? मूल रूप से, यहां एक-दूसरे के प्रति शिष्टाचार होना चाहिए. आप अलग हो गए हैं, अपना मुकदमा लड़िए.”
अदालत ने ग्रोवर के वकील से कहा, “कृपया अशनीर ग्रोवर को सलाह दें. अगर कुछ है, तो आप राजीव नैयर (भारतपे के लिए पेश हो रहे शख्स) को भी बताएं कि उनके मुवक्किल ने ऐसा किया है. वह उसे सलाह भी देंगे.”
ग्रोवर के वकील ने कहा कि उन्होंने मध्यस्थता के लिए मामले को संदर्भित करने के लिए एक आवेदन दायर किया है और दावा किया है कि कथित मानहानि का मुकदमा कंपनी द्वारा अपने अधिकारियों के पक्ष में दायर नहीं किया जा सकता था. जब उन्होंने हमेशा कंपनी की प्रशंसा की है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं