
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने किसानों के दिल्ली चलो आंदोलन पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है, वर्तमान सरकार ने किसानों से किए वायदों को तोड़ा है. कांग्रेस नेता ने लिखा है, सरकार ने किसानों को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. आंदोलनजीवी और परजीवी कहकर किसानों को बदनाम किया था. इसके अलावा कांग्रेस अध्यक्ष ने एक्स पर लिखा है कि हम किसान आंदोलन को पूरा समर्थन दे रहे हैं.
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कँटीले तार, ड्रोन से आँसू गैस, कीले और बंदूक़ें… सबका है इंतज़ाम,
— Mallikarjun Kharge (@kharge) February 13, 2024
तानाशाही मोदी सरकार ने किसानों की आवाज़ पर जो लगानी है लगाम !
याद है ना “आंदोलनजीवी” व “परजीवी” कहकर किया था बदनाम, और 750 किसानों की ली थी जान ?
10 सालों में मोदी सरकार ने देश के अन्नदाताओं से किए गए अपने… pic.twitter.com/9iUAzFeXgg
नए MSP कानून की मांग को लेकर किसान संगठनों के "दिल्ली चलो" मार्च का कांग्रेस ने समर्थन देने का ऐलान किया है. कांग्रेस अध्यक्ष ने वर्तमान सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा है, अब किसानों की आवाज़ उठाने का समय आ गया है. उन्होंने कहा है, छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में आज कांग्रेस पार्टी “किसान न्याय” की आवाज़ उठाएगी. हमारा किसान आंदोलन को पूरा समर्थन है.
किसानों का आज 'दिल्ली चलो' मार्च है...‘दिल्ली चलो' मार्च रोकने के लिए सोमवार रात किसान नेताओं की केंद्रीय मंत्रियों के साथ पांच घंटे से अधिक समय तक चली बैठक बेनतीजा रही. कई किसान संघों, जिनमें ज्यादातर उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब से हैं, ने अपनी उपज के लिए एमएसपी की गारंटी देने वाले कानून की मांग के लिए आज मार्च का आह्वान किया है. एमएसपी की गारंटी वाला कानून बाजार की अनिश्चितताओं का सामना कर रहे किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा.
किसानों की प्रमुख मांगें...
किसान कई मांगों को लेकर दिल्ली कूच कर रहे हैं, इनमें बिजली अधिनियम 2020 को निरस्त करना, लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों के लिए मुआवजा और किसान आंदोलन में शामिल लोगों के खिलाफ मामलों को वापस लेना शामिल है. हालांकि, केंद्र की ओर से जारी बयान के अनुसार, आधी रात के बाद इन मुद्दों पर सहमति बन गई, लेकिन किसान अपने संकल्प पर कायम हैं और उन्होंने कहा कि सरकार ने दो साल पहले जो वादे किए थे, वे पूरे नहीं हुए हैं.
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