नई दिल्ली:
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से तहलका स्टिंग मामले में निचली अदालत की ओर से सुनाई गई चार साल की सजा को निलम्बित करने की मांग की। उन्होंने साथ ही कहा कि यह स्टिंग ऑपरेशन अवैध और कानून के प्रतिकूल था।
बंगारू लक्ष्मण के वकील व वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप सेठी ने अदालत से कहा कि स्टिंग ऑपरेशन के दौरान प्रलोभन देना कानून सम्मत नहीं है।
बंगारू ने निचली अदालत द्वारा गत 28 अप्रैल को सुनाए गए फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। यहां न्यायमूर्ति एके पाठक मामले की सुनवाई की। अगली सुनवाई अब बुधवार को होगी।
बंगारू ने अपनी याचिका में यह कहते हुए चार साल की सजा निलम्बित करने की मांग की है कि उन्हें वृद्धावस्था सम्बंधी कई बीमारियां हैं ओर वह मधुमेह से भी पीड़ित हैं।
उन्होंने कहा, "मैं 74 वर्ष का हो चुका हूं ओर स्वास्थ्य सम्बंधी दिक्कते हैं। मेरा मधुमेह बहुत गम्भीर है और पिछले चार महीनों से मैं कैद में हूं।"
ज्ञात हो कि सीबीआई की एक विशेष अदालत ने गत 28 अप्रैल को 10 साल पुराने तहलका स्टिंग मामले में रिश्वत लेने के लिए चार साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी और एक लाख रुपये जुर्माना लगाया था।
बंगारू लक्ष्मण के वकील व वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप सेठी ने अदालत से कहा कि स्टिंग ऑपरेशन के दौरान प्रलोभन देना कानून सम्मत नहीं है।
बंगारू ने निचली अदालत द्वारा गत 28 अप्रैल को सुनाए गए फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। यहां न्यायमूर्ति एके पाठक मामले की सुनवाई की। अगली सुनवाई अब बुधवार को होगी।
बंगारू ने अपनी याचिका में यह कहते हुए चार साल की सजा निलम्बित करने की मांग की है कि उन्हें वृद्धावस्था सम्बंधी कई बीमारियां हैं ओर वह मधुमेह से भी पीड़ित हैं।
उन्होंने कहा, "मैं 74 वर्ष का हो चुका हूं ओर स्वास्थ्य सम्बंधी दिक्कते हैं। मेरा मधुमेह बहुत गम्भीर है और पिछले चार महीनों से मैं कैद में हूं।"
ज्ञात हो कि सीबीआई की एक विशेष अदालत ने गत 28 अप्रैल को 10 साल पुराने तहलका स्टिंग मामले में रिश्वत लेने के लिए चार साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी और एक लाख रुपये जुर्माना लगाया था।
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