प्रतीकात्मक फोटो
बेंगलुरु:
रविवार को बेंगलुरु के प्रतिष्ठित मानसिक रोगों के अस्पताल निमहंस में हुए शूटआउट के लिए वहां तैनात सिटी आर्म्ड रिज़र्व पुलिस यानी सीएआर के एक हेड कांस्टेबल समेत 4 पुलिस कर्मियों के सस्पेंशन का आदेश सीएआर की डीआईजी डी रूपा ने जारी किए हैं।
22 साल के मानसिक रोग से पीड़ित विचाराधीन कैदी विश्वनाथ उर्फ विश्वा ने रविवार को अस्पताल के गार्ड रूम से एक राइफल लेकर उससे करीब 27 राउंड्स फायर किए थे। तीन घंटे तक उसे समझाने की कोशिश नाकाम होने के बाद राज्य पुलिस के कमांडो ने उसे बंद कमरे में मार गिराया।
जब यह सब निमहंस में हुआ, तब वहां सीएआर के हेड कांस्टेबल नंजुंडप्पा, कांस्टेबल सी मंजुनाथ, शरणप्पा और ए मोहन ड्यूटी पर तैनात थे। बताया जा रहा है कि शूटआउट के बाद विभागीय जांच में पाया गया कि वहां सिर्फ एक ही कांस्टेबल था और मानसिक तौर पर बीमार विश्वनाथ के हाथ में हथकड़ी नहीं बंधी थी। ऐसे में विश्व ने गार्ड रूम से राइफल निकालकर फायरिंग शुरू कर दी।
इस मामले की न्यायिक जांच भी चल रही है। विश्वा की मौत पुलिस हिरासत में हुई थी। अगर विश्वा को रूम के अंदर बंद नहीं किया जाता तो अस्पताल में बड़ा हादसा हो सकता था। गार्ड रूम में 5 राइफलें और लगभग 150 राउंड्स गोलियां रखी थीं।
22 साल के मानसिक रोग से पीड़ित विचाराधीन कैदी विश्वनाथ उर्फ विश्वा ने रविवार को अस्पताल के गार्ड रूम से एक राइफल लेकर उससे करीब 27 राउंड्स फायर किए थे। तीन घंटे तक उसे समझाने की कोशिश नाकाम होने के बाद राज्य पुलिस के कमांडो ने उसे बंद कमरे में मार गिराया।
जब यह सब निमहंस में हुआ, तब वहां सीएआर के हेड कांस्टेबल नंजुंडप्पा, कांस्टेबल सी मंजुनाथ, शरणप्पा और ए मोहन ड्यूटी पर तैनात थे। बताया जा रहा है कि शूटआउट के बाद विभागीय जांच में पाया गया कि वहां सिर्फ एक ही कांस्टेबल था और मानसिक तौर पर बीमार विश्वनाथ के हाथ में हथकड़ी नहीं बंधी थी। ऐसे में विश्व ने गार्ड रूम से राइफल निकालकर फायरिंग शुरू कर दी।
इस मामले की न्यायिक जांच भी चल रही है। विश्वा की मौत पुलिस हिरासत में हुई थी। अगर विश्वा को रूम के अंदर बंद नहीं किया जाता तो अस्पताल में बड़ा हादसा हो सकता था। गार्ड रूम में 5 राइफलें और लगभग 150 राउंड्स गोलियां रखी थीं।
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