मुंबई:
शिव सेना प्रमुख बाल ठाकरे ने मुम्बई में 16 फरवरी को होने वाले निकाय चुनावों के मद्देनजर ठाणे में एक विशाल रैली को सम्बोधित किया और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार की जमकर आलोचना की।
पवार ने शिव सेना पर 40,000 करोड़ रुपये का घोटाला करने का आरोप लगाया था। इसके जवाब में 86 वर्षीय ठाकरे ने पवार को उनके साथ सम्पत्तियों की अदला-बदली करने की चुनौती दी।
उन्होंने कहा, "मैं अपनी सभी सम्पत्ति आपके नाम हस्तानांतरित कर दूंगा। आप अपनी सम्पत्ति मेरे नाम कर दें। इस विनिमय के बाद मेरे पास अधिक सम्पत्ति होगी। मैं आपको खुली चुनौती देता हूं।" ठाकरे ने ऐसी चुनौती कांग्रेस नेता नारायण राने को भी दी। ठाकरे ने ठाणे में हजारों की भीड़ को सम्बोधित करते हुए पार्टी की धर्मनिरपेक्ष छवि प्रस्तुत की।
उन्होंने कहा, "मेरी पार्टी के कार्यकर्ताओं खासतौर पर महिलाओं ने 1992-93 के दंगों के समय कई मुस्लिम लोगों को बचाया था। मेरी पार्टी जाति, धर्म, क्षेत्र एवं वंश के आधार पर कभी भी पक्षपात नहीं करती।"
ठाकरे ने राज्य के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चौहान पर निशाना साधा। चौहान ने कहा था कि बाल ठाकरे राज्य की राजनीति में अपनी महत्ता खो चुके हैं।
शिव सेना प्रमुख ने कहा, "यदि मेरा महत्व नहीं है तो मैं इतनी भीड़ कैसे इकट्ठी कर सकता हूं। क्या शरद पवार, अजित पवार और पृथ्वीराज इतनी भीड़ जमा कर सकते हैं?"
उन्होंने आशा व्यक्त की कि शिव सेना एवं भाजपा-आरपीआई(आठवले) गठबंधन बीएमसी चुनावों में विजय हासिल करेगा। बाल ठाकरे ने कहा कि अदालतों में शपथ लेने के लिए धार्मिक पुस्तकों इस्तेमाल प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके बदले बाबा साहेब के संविधान का प्रयोग किया जाए। रैली में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) के नेता रामदास आठवले भी उपस्थित थे।
ठाकरे ने गुजराज के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को पसंद करने एवं घोटोलों को लेकर आवाज न उठाने पर अपने भतीजे एवं महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे की भी आलोचना की।
पवार ने शिव सेना पर 40,000 करोड़ रुपये का घोटाला करने का आरोप लगाया था। इसके जवाब में 86 वर्षीय ठाकरे ने पवार को उनके साथ सम्पत्तियों की अदला-बदली करने की चुनौती दी।
उन्होंने कहा, "मैं अपनी सभी सम्पत्ति आपके नाम हस्तानांतरित कर दूंगा। आप अपनी सम्पत्ति मेरे नाम कर दें। इस विनिमय के बाद मेरे पास अधिक सम्पत्ति होगी। मैं आपको खुली चुनौती देता हूं।" ठाकरे ने ऐसी चुनौती कांग्रेस नेता नारायण राने को भी दी। ठाकरे ने ठाणे में हजारों की भीड़ को सम्बोधित करते हुए पार्टी की धर्मनिरपेक्ष छवि प्रस्तुत की।
उन्होंने कहा, "मेरी पार्टी के कार्यकर्ताओं खासतौर पर महिलाओं ने 1992-93 के दंगों के समय कई मुस्लिम लोगों को बचाया था। मेरी पार्टी जाति, धर्म, क्षेत्र एवं वंश के आधार पर कभी भी पक्षपात नहीं करती।"
ठाकरे ने राज्य के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चौहान पर निशाना साधा। चौहान ने कहा था कि बाल ठाकरे राज्य की राजनीति में अपनी महत्ता खो चुके हैं।
शिव सेना प्रमुख ने कहा, "यदि मेरा महत्व नहीं है तो मैं इतनी भीड़ कैसे इकट्ठी कर सकता हूं। क्या शरद पवार, अजित पवार और पृथ्वीराज इतनी भीड़ जमा कर सकते हैं?"
उन्होंने आशा व्यक्त की कि शिव सेना एवं भाजपा-आरपीआई(आठवले) गठबंधन बीएमसी चुनावों में विजय हासिल करेगा। बाल ठाकरे ने कहा कि अदालतों में शपथ लेने के लिए धार्मिक पुस्तकों इस्तेमाल प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके बदले बाबा साहेब के संविधान का प्रयोग किया जाए। रैली में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) के नेता रामदास आठवले भी उपस्थित थे।
ठाकरे ने गुजराज के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को पसंद करने एवं घोटोलों को लेकर आवाज न उठाने पर अपने भतीजे एवं महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे की भी आलोचना की।
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