Bakrid 2020: कोरोना काल मे बकरीद मनाने का तरीका भी बदल गया है. दरअसल, इस साल देशभर में 1 अगस्त को बकरीद मनाई जाएगी लेकिन कई राज्यों में शनिवार और रविवार को कोरोना के चलते पूर्ण लॉकडाउन लगाया जा रहा है. ऐसे में बकरीद से पहले बकरे भी ऑनलाइन बिकने लगे हैं. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में शनिवरा और रविवार के दिन लॉकडाउन लगाया जा रहा है. इस वजह से राज्य के लोग बकरीद (Bakrid 2020) के मौके पर अपने घरों से बाहर नहीं निकल पाएंगे. ऐसे में बकरे ऑनलाइन बिकने शुरू हो गए हैं.
ऑनलाइन शुरू की गई इन वेबसाइट्स पर बकरों की नसल की जानकारी के साथ उनकी तस्वीरें भी शेयर की जा रही हैं. साथ ही बकरों की होम डिलीवरी भी की जा रही है. लेकिन कई लोग ऑनलाइन बकरा खरीदने से कतरा रहे हैं. दरअसल, बकरीद के लिए बकरा खरीदने से पहले बकरे को देखना पड़ता है कि वह कितना सेहतमंद है. इसके साथ ही बकरे को कोई बीमारी न हो, बकरा कहीं से चोटिल न हो और उस पर कोई काटा या जले का निशान न हो. इन सब चीजों को देखने के बाद ही बकरे को खरीदा जाता है.
उत्तर प्रदेश में स्थित इस्लामिल विश्वविद्यालय दारुल उलूम देवबंद ने राज्य सरकार को एक खत लिख कर ईद के दिन ईदगाहों में नमाज पढ़ने और कुर्बानी के बकरों की मंडी लगवाए जानें की इजाजत मांगी थी. उन्होंने अपने इस खत के दरिए शनिवार को लॉकडाउन में राहत दी जाने की मांग की थी. हालांकि, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहसिन रज़ा ने शनिवार को लॉकडाउन में राहत के लिए मना कर दिया है. उनका कहना है कि कोरोना काल में एक जगह लोगों की भीड़ इकट्ठा होना खतरनाक है. साथ ही उन्होंने बकरों की कुर्बानी के लिए भी विकल्प तलाशने के लिए कहा.
अल्पसंख्यक मंत्री के बयान के बाद फिरंगी महल के के मौलाना खालिद रशीद ने बकरीद पर जारी की गई राज्य सरकार की गाइडलाइन का पालन करने की अपील की है. मौलना खालिद ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि सरकार की गाइडलाइन का सभी लोग पालन करें और कुर्बानी को लेकर भी कोविड-19 के तहत सभी सावधानियों का पालन करें.
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