उत्तर प्रदेश के बदांयू में मई महीने में दो चचेरी बहनों की हत्या के मामले में गिरफ्तार किए गए तीन युवकों को स्थानीय अदालत ने जमानत दे दी है। इस मामले में गिरफ्तार दो पुलिसवालों को दो दिन पहले ही जमानत दी जा चुकी है।
मामले की जांच कर रही सीबीआई ने पिछले हफ्ते कहा था कि वह इन पांचों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर नहीं करेगी, जिससे साफ हो गया था कि सीबीआई उनकी जमानत याचिका विरोध नहीं करेगी। सीबीआई सूत्रों ने बताया था कि आरोपियों को हत्या से जोड़ने वाला कोई सबूत नहीं है और दोनों पीड़ितों की मौत से पहले उनका कोई यौन उत्पीड़न नहीं हुआ था।
इसके बाद यूपी पुलिस द्वारा गिरफ्तार पांच आरोपियों - पप्पू, अवधेश और उर्वेश यादव (तीन भाइयों) और सिपाही छत्रपाल यादव और सर्वेश यादव को जमानत दे दी गई है, क्योंकि उनके हिरासत में 90 दिन पूरे हो गए हैं। नियमों के मुताबिक जांच एजेंसी को किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी की तिथि से (जघन्य अपराध मामलों में) 90 दिन और (सभी अन्य मामलों में) 60 दिन के भीतर आरोपपत्र दाखिल करना होता है।
सीबीआई ने हैदराबाद स्थित सेंटर फॉर डीएनए फिंगरप्रिंटिंग एंड डायग्नोस्टिक्स (सीडीएफडी) की मदद ली थी, जिसने दोनों लड़कियों के यौन उत्पीड़न को खारिज किया था। आरोपी बनाए गए पांचों लोगों ने लाई डिटेक्टर टेस्ट पास कर ली थी।
उल्लेखनीय है कि 14 और 15 वर्ष की दो चचेरी बहनों के शव गत मई के आखिर सप्ताह में उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में एक पेड़ से लटके मिले थे। इसे लेकर पूरे देश में आक्रोश व्याप्त हो गया था तथा कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर राज्य में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी की सरकार निशाने पर आ गई थी।
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