योग गुरु बाबा रामदेव (Baba Ramdev) और पतंजलि (Patanjali) को 24 घंटे के दौरान दो अलग-अलग अदालतों से अलग-अलग झटके लगे हैं. ट्रेडमार्क के उल्लंघन के मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने अपने एक आदेश की अवहेलना करने पर पतंजलि पर चार करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. वहीं दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने कोरोनिल को कोरोना की दवा बताने का दावा वापस लेने का आदेश दिया गया है.
आदेश की अवहेलना पर लगाया जुर्माना
बॉम्बे हाई कोर्ट ने 2023 के एक अंतरिम आदेश की अवहेलना के लिए कंपनी पर जुर्माना लगाया. आदेश में मंगलम ऑर्गेनिक्स लिमिटेड की ओर से दायर ट्रेडमार्क उल्लंघन मामले के संबंध में पतंजलि के कपूर उत्पाद बेचने पर रोक लगाई गई थी. न्यायमूर्ति आरआई चागल की सिंगल बेंच ने कहा कि इस बात में कोई संदेह नहीं कि पतंजलि का इरादा अदालत के आदेश का उल्लंघन करने का था. मंगलम ऑर्गेनिक्स ने अपने कपूर उत्पादों के कॉपीराइट का उल्लंघन का आरोप लगाते हुए पतंजलि के खिलाफ मुकदमा दायर किया था. मंगलम ऑर्गेनिक्स ने बाद में एक आवेदन दायर कर दावा किया था कि पतंजलि अंतरिम आदेश का उल्लंघन करते हुए कपूर उत्पाद बेच रही है.
हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि दो सप्ताह के भीतर चार करोड़ रुपए जमा करने होंगे. यदि जुर्माना नहीं भरा जाता है तो पतंजलि आयुर्वेद के निदेशक रजनीश मिश्रा की गिरफ्तारी की जा सकती है. हाई कोर्ट ने पाया कि 2023 में हाई कोर्ट ने कपूर के उत्पादों की बिक्री पर रोक लगा दी थी क्योंकि ट्रेडमार्क के उल्लंघन का मामला दायर हुआ था, उसके बावजूद कंपनी ने बिक्री जारी रखी.
कोरोनिल को कोविड की दवा बताने का दावा वापस ले : दिल्ली हाई कोर्ट
वहीं दिल्ली हाई कोर्ट ने बाबा रामदेव को आदेश दिया है कि वे पतंजलि आयुर्वेद की कोरोनिल टैबलेट को कोविड की दवा बताने का दावा तीन दिनों के अंदर वापस ले लें. हाई कोर्ट ने सोमवार को पतंजलि और बाबा रामदेव के खिलाफ डॉक्टरों की कई एसोसिएशन की ओर से दाखिल याचिका पर यह आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि रामदेव और उनके प्रमोटरों को तीन दिनों में इससे जुड़े ट्वीट भी हटाने होंगे, अगर वह ऐसा करने में नाकाम रहते हैं तो सोशल मीडिया मीडिएटर इन ट्वीट्स को हटा देंगे.
दरअसल, कोरोना महामारी के दौरान रामदेव ने कहा था कि पतंजलि आयुर्वेद की कोरोनिल सिर्फ इम्युनिटी बूस्टर ही नहीं बल्कि कोविड-19 को ठीक करने की दवा है. इसके खिलाफ डॉक्टरों की एसोसिएशन ने 2021 में रामदेव उनके सहयोगी बाल कृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ याचिका दाखिल की थी. इस पर जज ने कहा कि इस तरह के विज्ञापन और प्रोडक्ट के प्रचार की अनुमति देने से ना केवल जनता को खतरा होगा बल्कि आयुर्वेद की बदनामी भी हो सकती है.
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