योगी आदित्यनाथ की फाइल फोटो
बलिया:
भाजपा सांसद और गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ काबीना मंत्री आजम खां पर हमला करते हुए उन्हें सलाह दी कि वह मंत्रों के साथ सूर्य नमस्कार करें तो उनका स्वास्थ्य भी ठीक हो जाएगा और बुद्धि भी।
विधान परिषद् सदस्य रहे सुदामा सिंह के तेरहवीं संस्कार में शिरकत करने आए आदित्यनाथ ने कहा, 'आजम खां को कोई गम्भीरता से नहीं लेता। वह बेहूदा और हल्की बातें करते हैं। वह मुलायम सिंह के लिए मजबूरी हो सकते हैं, लेकिन हमारे लिए नहीं। मेरा यह मानना है कि मंत्रों के साथ सूर्य नमस्कार करें तो उनका स्वास्थ्य भी ठीक हो जाएगा, बुद्धि भी ठीक हो जाएगी। वह बेहूदा बयान देना भी बंद कर देंगे।'
गौरतलब है कि प्रदेश के नगर विकास मंत्री आजम खां ने योग की मुखालफत कर रहे लोगों को समुद्र में फेंक देने की सलाह देने वाले भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ पर पलटवार करते हुए गत गुरवार को कहा था 'आदित्यनाथ को अपना दिमाग ठीक रखने के लिये नमाज पढ़नी चाहिये।'
उन्होंने कहा था, 'हो सकता है कि योगी को नमाज पढ़ने की मेरी सलाह सही ना हो लेकिन चूंकि वह हम पर अपनी परम्परा अपनाने के लिए जोर लगा रहे हैं, तो मैं भी अपनी राय देने के लिए मजबूर हूं।'
योग पर जारी विवाद के बारे में भाजपा सांसद ने कहा कि सनातन धर्म विधि को कभी किसी पर थोपा नहीं गया है। किसी को जबरन मंदिर जाने के लिए नहीं कहा गया है। योग तो मानवता के कल्याण के लिए अनुपम देन है, जिसको अच्छा लगे वह करे, जिसे ना लगे वह ना करे।
मुसलमानों को योग करने के दौरान मंत्रोच्चार की जगह अल्लाह का नाम लेने की केन्द्रीय मंत्री श्रीपद नाईक की सलाह पर आदित्यनाथ ने कहा कि केन्द्र सरकार का यह रुख सही है। किसी और पार्टी की सरकार होती तो वह भी ऐसा ही रुख अख्तियार करती।
भाजपा सांसद आदित्यनाथ ने कहा कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने भारत के गर्व को दुनिया में प्रतिष्ठापित किया है। दुनिया के 189 देशों ने अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस को मान्यता दी है। यह भारत के लिए गौरव की बात है। कुछ लोगों को भारत के इस गौरव पर शर्म आती है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। गोरक्षपीठाधीश्वर ने विश्वास जताया कि कि मोदी सरकार के कार्यकाल में ही अयोध्या में राममंदिर का निर्माण हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के गठन का अभी एक ही वर्ष हुआ है। मंदिर मुद्दे को लेकर उतावलापन ठीक नहीं है। मामला अभी अदालत में है।
आदित्यनाथ ने कहा, 'मेरे ख्याल से तीन ही तरीकों से मामले का समाधान हो सकता है। पहला तो सरकार मध्यस्थता करके आपसी बातचीत के जरिये हल निकाले। दूसरा, न्यायालय फैसला करे और सभी पक्ष उसको मानें और तीसरा, सरकार देश की जनभावना और सौहार्द का आदर करते हुए कानून बनाए।'
विधान परिषद् सदस्य रहे सुदामा सिंह के तेरहवीं संस्कार में शिरकत करने आए आदित्यनाथ ने कहा, 'आजम खां को कोई गम्भीरता से नहीं लेता। वह बेहूदा और हल्की बातें करते हैं। वह मुलायम सिंह के लिए मजबूरी हो सकते हैं, लेकिन हमारे लिए नहीं। मेरा यह मानना है कि मंत्रों के साथ सूर्य नमस्कार करें तो उनका स्वास्थ्य भी ठीक हो जाएगा, बुद्धि भी ठीक हो जाएगी। वह बेहूदा बयान देना भी बंद कर देंगे।'
गौरतलब है कि प्रदेश के नगर विकास मंत्री आजम खां ने योग की मुखालफत कर रहे लोगों को समुद्र में फेंक देने की सलाह देने वाले भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ पर पलटवार करते हुए गत गुरवार को कहा था 'आदित्यनाथ को अपना दिमाग ठीक रखने के लिये नमाज पढ़नी चाहिये।'
उन्होंने कहा था, 'हो सकता है कि योगी को नमाज पढ़ने की मेरी सलाह सही ना हो लेकिन चूंकि वह हम पर अपनी परम्परा अपनाने के लिए जोर लगा रहे हैं, तो मैं भी अपनी राय देने के लिए मजबूर हूं।'
योग पर जारी विवाद के बारे में भाजपा सांसद ने कहा कि सनातन धर्म विधि को कभी किसी पर थोपा नहीं गया है। किसी को जबरन मंदिर जाने के लिए नहीं कहा गया है। योग तो मानवता के कल्याण के लिए अनुपम देन है, जिसको अच्छा लगे वह करे, जिसे ना लगे वह ना करे।
मुसलमानों को योग करने के दौरान मंत्रोच्चार की जगह अल्लाह का नाम लेने की केन्द्रीय मंत्री श्रीपद नाईक की सलाह पर आदित्यनाथ ने कहा कि केन्द्र सरकार का यह रुख सही है। किसी और पार्टी की सरकार होती तो वह भी ऐसा ही रुख अख्तियार करती।
भाजपा सांसद आदित्यनाथ ने कहा कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने भारत के गर्व को दुनिया में प्रतिष्ठापित किया है। दुनिया के 189 देशों ने अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस को मान्यता दी है। यह भारत के लिए गौरव की बात है। कुछ लोगों को भारत के इस गौरव पर शर्म आती है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। गोरक्षपीठाधीश्वर ने विश्वास जताया कि कि मोदी सरकार के कार्यकाल में ही अयोध्या में राममंदिर का निर्माण हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के गठन का अभी एक ही वर्ष हुआ है। मंदिर मुद्दे को लेकर उतावलापन ठीक नहीं है। मामला अभी अदालत में है।
आदित्यनाथ ने कहा, 'मेरे ख्याल से तीन ही तरीकों से मामले का समाधान हो सकता है। पहला तो सरकार मध्यस्थता करके आपसी बातचीत के जरिये हल निकाले। दूसरा, न्यायालय फैसला करे और सभी पक्ष उसको मानें और तीसरा, सरकार देश की जनभावना और सौहार्द का आदर करते हुए कानून बनाए।'
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