
- धनबाद जिले के बाघमारा थाना क्षेत्र के केसरगढ़ में अवैध कोयला खनन के दौरान नौ मजदूरों की मौत हो गई.
- मृतकों के परिजन का आरोप है कि माफियाओं से उन्हें धमकी मिल रही है.
- हादसे के बाद राहत और बचाव कार्य जारी है, मगर अभी तक किसी मृतक के शव मिलने की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
झारखंड के धनबाद जिले के बाघमारा थाना क्षेत्र अंतर्गत केसरगढ़ में अवैध कोयला खनन के दौरान दबकर 9 मजदूरों की दर्दनाक मौत का मामला अब तूल पकड़ने लगा है. शव ढूंढने गए मृतक के परिजनों को माफियाओं अब धमका रहे हैं और साफ तौर पर कह रहे हैं कि पैसा ले लो लाश नहीं मिलेगी. वहीं दूसरी और पुलिस इस हादसे से ही इनकार कर रही है.
क्या है पूरा मामला
धनबाद जिले के बाघमारा में अवैध कोयला खनन के दौरान एक बड़ा हादसा हुआ था. जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई थी. यह हादसा बाघमारा थाना क्षेत्र के ब्लॉक 2 में हुआ, जहां अवैध रूप से चल रही खदान में मलबा गिर गया था. विधायक सरयू राय के ट्वीट के बाद धनबाद पुलिस प्रशासन मामले को दबाने में लग गया. हादसे की सूचना मिलते ही गिरिडीह सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी, जमशेदपुर के विधायक सरयू राय, सहित कई नेता घटनास्थल पर पहुंचे और अवैध खनन व कोयला चोरी को लेकर जमकर नाराजगी जताई. इस दौरान उन्होंने पुलिस अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.
हादसे को छिपाने की कोशिश की गई
धनबाद में हुए खदान हादसे में अभी तक जिन लोगों के दबे होने की सूचना है, उनमें गिरिडीह के ताराटांड थाना क्षेत्र के चरकू, अजीज अंसारी, अफजल,दिलीप साव और मो. जमशेद शामिल हैं. चरकू की पत्नी साजदा खातून ने बताया कि उनके पति काम करने के लिए कतरास-बाघमारा गए थे. इस बीच खबर आई कि जिस कोयला खदान में वे काम कर रहे थे, वहां हादसा हो गया. साजदा ने बताया कि वे गांव के कुछ लोगों के साथ घटनास्थल पर गईं, लेकिन उन्हें खदान के पास जाने से रोक दिया गया. उनका कहना है कि खदान में उनके पति समेत कई लोग फंसे थे और ऊपर से मिट्टी-पत्थर डालकर हादसे को छिपाने की कोशिश की गई.
घटना के बाद मौके पर अफरा- तफरी मच गई. हादसे की जानकारी मिलने पर स्थानीय पुलिस और CISF की टीम मौके पर पहुंच कर मामले की जांच में जुट गई है. साथ ही मलबा हटाकर राहत और बचाव का काम शुरू कर दिया . अभी तक किसी के शव के मिलने की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, वहीं पुलिस तो इस हादसे से ही इनकार कर रही है.
राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है. बताया जा रहा है कि बाघमारा के कतरास केशरगढ़ा में बड़े पैमाने पर अवैध उत्खनन कराया जा रहा था और स्थानीय लोगों को उत्खनन के मजदूरी कराई जाती है. अवैध उत्खनन में ज्यादातर लोग अल्पसंख्यक वर्ग से हैं. जिन्हें जामताड़ा सहित आस पास के क्षेत्र से लाकर यहां अवैध उत्खनन में लगाया गया था. 5 दिन पहले निरसा के मुगमा और पंचेत मे 4 मजदूर की मौत हुई थी.
धनबाद से कुंदन, गिरिडीह से अमर के साथ रांची से हरिवंश शर्मा की रिपोर्ट
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं