जब राजीव गांधी की इस बड़ी 'पहल' के कारण अटल बिहारी वाजपेयी को मिला था 'जीवनदान'

संसद में जब अटल बिहारी वाजपेयी का संबोधन होता था तो पक्ष हो या विपक्ष, सारे नेता उन्‍हें मंत्रमुग्‍ध होकर सुनते थे. वक्‍तव्‍य कला के धनी अटलजी अपने भाषणों में हास्‍य कला का ऐसा रस घोलते थे कि हर कोई वाह-वाह कर उठता था.

जब राजीव गांधी की इस बड़ी 'पहल' के कारण अटल बिहारी वाजपेयी को मिला था 'जीवनदान'

किसी भी विषय पर धाराप्रवाह बोलने की अटल बिहारी वाजपेयी की क्षमता का हर कोई मुरीद था (फाइल फोटो)

खास बातें

  • राजीव ने अमेरिका में किडनी का इलाज कराने में की थी मदद
  • अटल को भारतीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल करके US भेजा था
  • वाजपेयी ने एक इंटरव्‍यू में किया था इस बारे में खुलासा

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ऐसे शख्‍स रहे जिन्‍हें देशभर के राजनेताओं का सम्‍मान हासिल हुआ. अटलजी की पार्टी बीजेपी के विचारधारा से बड़े ही वैचारिक विरोध रहा हो लेकिन अटल के व्‍यक्तित्‍व की चकाचौंध से ये सभी नेता प्रभावित रहे. संसद में जब अटल बिहारी वाजपेयी का संबोधन होता था तो पक्ष हो या विपक्ष, सारे नेता उन्‍हें मंत्रमुग्‍ध होकर सुनते थे. वक्‍तव्‍य कला के धनी वाजपेयी अपने भाषणों में हास्‍य कला का ऐसा रस घोलते थे कि हर कोई वाह-वाह कर उठता था. किसी भी विषय पर धाराप्रवाह बोलने की उनकी क्षमता का हर कोई मुरीद था. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी हों या उनके पुत्र और देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री राजीव गांधी...सबसे अटल को खूब आदर मिला. देश का प्रधानमंत्री रहते हुए राजीव गांधी की एक 'पहल' के कारण अटलजी को 'जीवनदान' मिला था. हर किसी के चहेते अटल बिहारी वाजपेयी ने राजीव गांधी की मौत के बाद एक इंटरव्‍यू में इस बात का जिक्र किया था.

राजीव गांधी का जिक्र करते हुए वाजपेयी ने वर्ष 1991 में पत्रकार करण थापर से बातचीत में  कहा था, 'राजीव गांधी की असमय मौत मेरे लिए व्‍यक्तिगत क्षति भी है. राजीव जी ने कभी भी राजनीतिक मतभेदों को आपसी संबंधों पर हावी नहीं होने दिया. मैंने अपनी बीमारी की बात ज्‍यादातर लोगों को नहीं बताई थी लेकिन राजीव गांधी को किसी तरह से इस बारे में पता चल गया. उसके बाद उनकी मदद के कारण ही मैं स्‍वस्‍थ हो पाया.'
 

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अटल ने जिस घटना के बारे में बताया था, वह 1987-88 के आसपास की है. तब अटल जी सांसद हुआ करते थे. उनके पेट में हल्का हल्का दर्द होता था. मेडिकल चेकअप के दौरान डॉक्‍टरों ने उनकी  किडनी में इंफेक्शन बताया था. उस समय भारत मेडिकल क्षेत्र में इतनी एडवांस स्‍टेज में नहीं था. उन्‍हें अमेरिका में इलाज कराने की सलाह दी गई जो बेहद खर्चीला था. अटलजी की इस बीमारी के बारे में पता चलते ही राजीव चिंतित हो गए और उन्‍होंने एक योजना के तहत उन्‍हें अमेरिका भेजने की व्‍यवस्‍था की.

वीडियो: अटलजी के स्‍वास्‍थ्‍य पर एम्‍स का हेल्‍थ बुलेटिन

अटल ने बताया था, राजीव गांधी ने उनको अपने दफ्तर में बुलवाया. उन्होंने वाजपेयी से कहा कि अमेरिका में में संयुक्त राष्ट्र संघ के एक कार्यक्रम में आपको भारतीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनना है. उसके बाद राजीव ने कहा कि आप न्यूयॉर्क जाएंगें तो मुझे अच्छा लगेगा. मुझे उम्मीद है कि आप इस अवसर का लाभ उठाएंगें और वहां अपना इलाज कराएंगें. मैंने विदेश विभाग के अधिकारियों को बता दिया है और वे आपका इलाज करा कर हीं भारत लौटेंगे. राजीव की इस अपनेपन से भरे व्‍यवहार से अटलजी भावुक हो गए थे. अमेरिका से इलाज कराकर वे स्‍वस्‍थ होकर भारत लौटे थे.