इलाहाबाद:
सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पार्टी के लगभग 300 शीर्ष नेताओं को बताया कि आगे बढ़ने के लिए रास्ता कैसे बनाया जा सकता है... इसके अलावा सूत्रों के अनुसार, उनके नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की उपलब्धियों के लिए तारीफों के पुल बांधने वाले अन्य वक्ताओं को धन्यवाद देते हुए उनका गला भी भर आया था...
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में आयोजित दो-दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक के दौरान गृहमंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू व नितिन गडकरी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह समेत सभी नेताओं ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हासिल की गई आर्थिक, विदेशी मामलों से जुड़ीं और राजनैतिक उपलब्धियों की चर्चा की...
एक नेता के अनुसार, प्रधानमंत्री अपने भाषण के अंत में "भावुक होकर अचानक ही रुक गए... वह समाजसेवा के लिए घर छोड़ देने की यादों में खोए थे, और यहां वह भावुक होकर बोलते-बोलते रुक गए... फिर वह संयत हुए, और दोबारा बोलने लगे..."
प्रधानमंत्री ने पार्टी कार्यकर्ताओं को दिया सात 'स' का सूत्र...
प्रधानमंत्री ने पार्टी कार्यकर्ताओं से सात 'स' के सूत्र का पालन करने का आग्रह किया, जो हैं - सेवाभाव, संतुलन, संयम, समन्वय, सकारात्मकता, सद्भावना तथा संवाद...
कार्यकर्ताओं को दिए अपने संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा कि सेवाभाव पर सबसे ज़्यादा ध्यान दिया जाना चाहिए, और सातों बिंदुओं का असर आपके आचरण और नीतियों में दिखना चाहिए... उन्होंने छत्रपति शिवाजी पर लिखे गए एक नाटक का उद्धरण भी दिया, और कहा कि मराठा शासक 'खुद सत्ता का आनंद उठाए बिना, उसका उपभोग किए बिना सत्ता की ज़िम्मेदारी' उठाने के लिए जाने जाते हैं, जबकि आज की राजनीति में 'सत्ता की ज़िम्मेदारी उठाए बिना सत्ता का उपभोग' किया जाता है...
अब जनता सिर्फ नारों से संतुष्ट नहीं होती : पीएम
प्रधानमंत्री ने पार्टी कार्यकर्ताओं से यह भी कहा कि अब जनता को सिर्फ नारों से संतुष्ट नहीं किया जा सकता, और वह चाहती है कि सरकार काम करके दिखाए... राष्ट्रीय कार्यकारिणी के बाद प्रधानमंत्री ने इलाहाबाद में ही एक विशाल रैली को भी संबोधित किया - बीजेपी के अनुमान के अनुसार रैली में दो लाख लोगों ने शिरकत की - और कहा कि दुनियाभर में जो तारीफ वह हासिल कर रहे हैं, वह देश की जनता की वजह से ही उन्हें मिल रही है...
परिवर्तन रैली में पीएम ने कहा, "प्रयागराज की इस धरती में हम विकास का नया यज्ञ शुरू कर रहे हैं... इसके लिए हमें कुछ बलिदान भी करने होंगे - भाई-भतीजावाद, जातिवाद, भ्रष्टाचार और जंगलराज..."
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में आयोजित दो-दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक के दौरान गृहमंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू व नितिन गडकरी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह समेत सभी नेताओं ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हासिल की गई आर्थिक, विदेशी मामलों से जुड़ीं और राजनैतिक उपलब्धियों की चर्चा की...
एक नेता के अनुसार, प्रधानमंत्री अपने भाषण के अंत में "भावुक होकर अचानक ही रुक गए... वह समाजसेवा के लिए घर छोड़ देने की यादों में खोए थे, और यहां वह भावुक होकर बोलते-बोलते रुक गए... फिर वह संयत हुए, और दोबारा बोलने लगे..."
प्रधानमंत्री ने पार्टी कार्यकर्ताओं को दिया सात 'स' का सूत्र...
प्रधानमंत्री ने पार्टी कार्यकर्ताओं से सात 'स' के सूत्र का पालन करने का आग्रह किया, जो हैं - सेवाभाव, संतुलन, संयम, समन्वय, सकारात्मकता, सद्भावना तथा संवाद...
कार्यकर्ताओं को दिए अपने संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा कि सेवाभाव पर सबसे ज़्यादा ध्यान दिया जाना चाहिए, और सातों बिंदुओं का असर आपके आचरण और नीतियों में दिखना चाहिए... उन्होंने छत्रपति शिवाजी पर लिखे गए एक नाटक का उद्धरण भी दिया, और कहा कि मराठा शासक 'खुद सत्ता का आनंद उठाए बिना, उसका उपभोग किए बिना सत्ता की ज़िम्मेदारी' उठाने के लिए जाने जाते हैं, जबकि आज की राजनीति में 'सत्ता की ज़िम्मेदारी उठाए बिना सत्ता का उपभोग' किया जाता है...
अब जनता सिर्फ नारों से संतुष्ट नहीं होती : पीएम
प्रधानमंत्री ने पार्टी कार्यकर्ताओं से यह भी कहा कि अब जनता को सिर्फ नारों से संतुष्ट नहीं किया जा सकता, और वह चाहती है कि सरकार काम करके दिखाए... राष्ट्रीय कार्यकारिणी के बाद प्रधानमंत्री ने इलाहाबाद में ही एक विशाल रैली को भी संबोधित किया - बीजेपी के अनुमान के अनुसार रैली में दो लाख लोगों ने शिरकत की - और कहा कि दुनियाभर में जो तारीफ वह हासिल कर रहे हैं, वह देश की जनता की वजह से ही उन्हें मिल रही है...
परिवर्तन रैली में पीएम ने कहा, "प्रयागराज की इस धरती में हम विकास का नया यज्ञ शुरू कर रहे हैं... इसके लिए हमें कुछ बलिदान भी करने होंगे - भाई-भतीजावाद, जातिवाद, भ्रष्टाचार और जंगलराज..."
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