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This Article is From Mar 09, 2015

नगालैंड : कथित रेप आरोपी की भीड़ द्वारा नृशंस हत्या के मामले में सवालों के घेरे में असम राइफल्स

नगालैंड : कथित रेप आरोपी की भीड़ द्वारा नृशंस हत्या के मामले में सवालों के घेरे में असम राइफल्स
फाइल फोटो
नई दिल्ली:

नगालैंड के दीमापुर में कथित रेप आरोपी की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर की गई नृशंस हत्या के मामले में स्थानीय पुलिस एवं प्रशासन के साथ केंद्रीय सुरक्षा बल असम राइफल्स की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। शहर में उग्र भीड़ कथित बलात्कार आरोपी को पीटते और घसीटते हुए जिस रास्ते से लेकर गई, वहां कई पुलिस चौकियां और असम राइफल्स का दफ्तर भी था, लेकिन ना तो पुलिस कुछ कर पाई और ना ही असम राइफल्स ने मामले में दखल दिया।

गृह मंत्रालय कह रही है कि नगालैंड सरकार ने शाम छह बजे असम राइफल्स को जानकारी दी थी और बताया कि जरूरत पड़ने पर असम राइफल्स को तैनात भी किया जा सकता है। यही नहीं अब यह भी बात सामने आ रही है, नगालैंड प्रशासन ने दोपहर तीन बजे पहली बार केंद्र सरकार को फ़ोर्स भेजने की इत्तला दी और इसके घंटे भर बाद रेप आरोपी सैयद शरीफउद्दीन की मौत हो गई। यानी जब तक केंद्र सरकार को पता चला तब दीमापुर की सेंट्रल जेल तोड़ी जा चुकी थी और आरोपी को उग्र भीड़ घसीट कर बाहर भी ला चुकी थी।

उधर जो रिपोर्ट राज्य सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी है। उसके मुताबिक अभी तक यह साफ़ नहीं हो पाया है कि पीड़िता का बलात्कार हुआ था या नहीं। राज्य सरकार फिलहाल गुवाहाटी से सीएफएसएल रिपोर्ट आने का इंतज़ार कर रही है।

वहीं अपने ऊपर इलज़ाम लगता देख राज्य सरकार यह भी दलील दे रही है कि उसने गैर सरकारी संगठनों को शांति रखने की शर्त पर ही 5 मार्च को जुलूस निकलने की इज़ाज़त दी थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जुलूस में शामिल गुस्साई भीड़ दोपहर करीब एक बजे सेंट्रल जेल की ओर बढ़ने लगी। हालांकि जेल की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त फ़ोर्स भी भेजी गई थी, लेकिन वह भीड़ पर काबू नहीं पा सकी।

इस रिपोर्ट में बताया है कि इस जलूस में कई स्कूली बच्चे भी हिस्सा ले रहे थे, इस वजस से पुलिस गोली नहीं चला पाई और जल्द भीड़ पुलिस बल पर हावी हो गई। इसमें यह भी कहा है कि पुलिस ने कथित रेप आरोपी को भीड़ से छुड़वाने की कोशिश भी की, लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाई।

नगालैंड सरकार ने बताया है कि पीड़िता के मुताबिक जिस होटल में उसके साथ बलात्कार हुआ, उसकी सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस ने ज़ब्त कर ली है।

दरअसल गृह मंत्रालय का मानना है कि राज्य सरकार लोगों का गुस्सा भांप नहीं पाई। लेकिन मंत्रालय के पास इस बात का जवाब नहीं कि असम राइफल्स ने पहले क्यों कारवाही नहीं की। इस मामले में उसने सफाई जरूर दी कि राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने की ज़िम्मेदारी असम राइफल्स की नहीं, बल्कि स्थानीय पुलिस की है। गृह मंत्रालय के अधिकारी ने एनडीटीवी से कहा, 'असम राइफल्स को निर्देश रक्षा मंत्रालय देता है और जब तक राज्य सरकार से मांग नहीं आती, तब तक वह कोई कार्रवाई नहीं कर सकता।'

उधर नगालैंड पुलिस के मुताबिक अभी तक इस पूरे मामले में करीब 50 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जिनमें से ज़्यादातर सेमा ट्राइब के है।

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