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This Article is From Aug 03, 2017

असम सरकार ने एबीएमएसयू अध्यक्ष की हत्या की जांच के लिए एसआईटी बनाई

एबीएमएसयू ने हत्या की सीबीआई जांच और कोकराझार के पुलिस अधीक्षक को तुरंत हटाने की मांग की। कांग्रेस ने भी केंद्रीय जांच एजेंसी से तहकीकात कराने की मांग की है.

असम सरकार ने एबीएमएसयू अध्यक्ष की हत्या की जांच के लिए एसआईटी बनाई
फाइल फोटो
नई दिल्ली: असम सरकार ने ऑल बीटीसी माइनॉरिटी स्टूडेंट्स यूनियन के अध्यक्ष लफीक उल इस्लाम अहमद की हत्या की जांच के लिए आज विशेष जांच दल का गठन किया. एबीएमएसयू ने हत्या की सीबीआई जांच और कोकराझार के पुलिस अधीक्षक को तुरंत हटाने की मांग की। कांग्रेस ने भी केंद्रीय जांच एजेंसी से तहकीकात कराने की मांग की है.  कल बाइक पर सवार दो हमलावरों ने कोकराझार के टिटागुड़ी बाजार में अहमद की गोली मार कर हत्या कर दी थी. हमले में दुकानदार भी गंभीर रूप से घायल हो गया था. एसआईटी के प्रमुख पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय) प्रकाश मेधी होंगे. बुधवार को ही कोकराझार पहुंचे पुलिस महानिदेशक मुकेश सहाय ने बीटीसी अध्यक्ष हग्रामा मोहिलारी और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ स्थिति का जायजा लिया. जिले में किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए अतिरिक्त बल तैनात कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि हत्या के संबंध में इम्तियाज अली नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है.

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इस बीच अहमद के शव को आज उनके परिवार को सौंप दिया गया. उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया हालांकि एबीएमएसयू नेताओं ने पहले कहा था कि अपराधियों के पकड़ने तक उन्हें सुपुर्द-ए-खाक नहीं होने देंगे. इससे पहले, दिन में एबीएमएसयू के महासचिव शाहकमाल खंदकर ने कहा, ‘हम मानते हैं कि यह एक राजनीतिक हत्या है और इसके पीछे गहरी साजिश है.

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यही वजह है कि हम हत्या की सीबीआई जांच की मांग करते हैं.’हत्या की वजह से जिले और निचले असम के अन्य इलाकों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए. मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने असैनिक एवं पुलिस प्रशासन के साथ उच्च स्तरीय बैठक की और अधिकारियों से कहा कि वे सघन अभियान छेड़ें और 24 घंटे के अंदर दोषियों को पकड़ें. इस बीच, हत्या को लेकर एबीएमएसयू की ओर से बुलाए गए 24 घंटे के बंद का असर दिखा और स्कूल, कॉलेज तथा दुकानें बंद रहीं एवं सड़कों पर कुछ ही वाहन दिखे. पूर्व मुख्यमंत्री तरूण गोगोई ने एक संवाददाता में कहा कि दिन दहाड़े बाजार में एक युवा नेता की हत्या कर दी गई. वह एक सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता था. उसकी जान को खतरा था. फिर भी उसे पर्याप्त सुरक्षा नहीं दी गई.

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