अमित पंघल ने बॉक्सिंग में लाइट फ्लाइवेट के 49 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण जीता
नई दिल्ली:
एशियन गेम्स 2018 में मनोज कुमार और शिव थापा जैसे दिग्गजों की हार के बीच युवा अमित पंघल ने जबर्दस्त प्रदर्शन किया और देश के लिए स्वर्ण पदक हासिल किया. हरियाणा के अमित ने लाइट फ्लाइवेट के 49 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण जीता. खास बात यह है कि अमित ने उज्बेकिस्तान के हसनबॉय दस्तमातोव को हराकर खिताब जीता, दस्तामोव ने 2016 के रियो ओलिंपिक के चैंपियन रह चुके हैं. फाइनल में अमित की जीत की संभावनाएं लगभग नहीं के बराबर मानी जा रही थीं लेकिन 22 साल के इस बॉक्सर ने हर किसी को हैरान करते हुए न केवल शानदार प्रदर्शन किया बल्कि स्वर्ण पर कब्जा जमा लिया. उजबेकिस्तान के दिग्गज बॉक्सर दस्तमातोव के हर पैंतरे का उन्होंने बखूबी जवाब दिया. एनडीटीवी इंडिया के यूथ कॉन्क्लेव ‘NDTV युवा’ में शिरकत करते हुए अमित ने एशियाड में अपने प्रदर्शन को लेकर अमित ने कहा, मैंने अपने प्रतिद्वंद्वी के अटेकिंग गेम को काउंटर करने का फैसला किया. पूरी तैयारी की थी. उसके अटैक पर मैंने बचाव किया और फिर अपनी ओर से आक्रामक खेल दिखाया, यही कारण है कि इस मुश्किल मुकाबले को मैं जीत पाया. वीडियो: NDTV कॉन्क्लेव में एशियन गेम्स के 'खास' हीरो... पिछले साल पंघल को दस्मातोव से हैमबर्ग वर्ल्ड चैंपियनशिप्स में करीबी मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा था. उज्बेक पहलवान को रियोओलिंपिक 2016 में सर्वश्रेष्ठ बॉक्सर करार दिया गया था.अमित फंगल को छोटा टायसन कहकर भी बुलाया जाता है. अमित पंघल ने बताया कि मुझे पता था कि खेल में मेरा समय आने वाला है. एशियन गेम्स के अपने फाइनल मुकाबले को लेकर मैंने पूरी तैयारी की थी. प्रतिद्वंद्वी बॉक्स के वीडियो को देखकर उसके मजबूत और कमजोर पक्ष में बारे में जाना, उसके बाद यह रणनीति बनाई कि कैसे उसे काउंटर करना है. अमित ने बताया कि वे खाने-पीने के शौकीन हैं लेकिन इसका असर अपनी फिटनेस पर नहीं पड़ने देते. उन्होंने कहा कि मैं जमकर मेहनत करता हूं ताकि मोटापा मुझ पर हावी नहीं हो पाए.
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