कानपुर के पूर्व पुलिस कमिश्नर असीम अरुण (Aseem Arun) ने उनके बीजेपी में शामिल होने के बाद की जा रही आलोचनाओं का जवाब दिया है. असीम अरुण ने कुछ दिनों पहले ही वीआरएस यानी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का आवेदन दिया था. इसके बाद से ही उनके राजनीति में जाने की अटकलें लगाई जा रही थीं. एनडीटीवी के साथ खास बातचीत में असीम अरुण ने उनके वीआरएस से लेकर बीजेपी में शामिल होने को लेकर पूरे घटनाक्रम से जुड़े सवालों का जवाब दिया. उनसे सवाल किया गया कि आपकी विश्वसनीयता के ऊपर सवाल उठ रहे हैं कि आप कानपुर के पुलिस कमिश्नर थे और आपने चुनाव आचार संहिता लगते ही बीजेपी ज्वाइन कर ली ?
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इस सवाल पर असीम अरुण ने कहा कि उन्हें 1 जनवरी को बीजेपी ने पार्टी में शामिल होने का प्रस्ताव दिया था. उससे पहले मेरा राजनीति में आने का कोई इरादा नहीं था. लिहाजा उन्होंने एक हफ़्ते सोचने का वक़्त लिया.अरुण ने कहा, 'जैसे ही निर्णय लिया वैसी ही मैंने छुट्टी पर जाने का निर्णय़ भी कर लिया. मेरे काम पर कोई सवाल नहीं उठा सकता. मेरे काम को लेकर विपक्ष के लोग भी कानपुर में सवाल नहीं उठा सकते. मैंने छुट्टी लेने के बाद सबसे मिलना बंद कर दिया था.'
उनसे प्रश्न पूछा गया कि आपने फिर सोशल मीडिया पर वर्दी में एक वीडियो पोस्ट किया , क्या वो आपको करना चाहिए था ? इसके जवाब में पूर्व पुलिस कमिश्नर ने कहा, वो वीडियो मैंने एक संदेश के साथ पोस्ट किया था. जब मैंने वीडियो पोस्ट किया था, तब तक मेरा वीआरएस (VRS) स्वीकार नहीं किया गया था. हालांकि मुझे मौका मिला है मैं कोशिश करूंगा कि समाज के लिए काम करता रहूंगा.
कानपुर के पूर्व पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने रविवार को BJP की सदस्यता ग्रहण कर ली. आईपीएस अधिकारी रहे अरुण ने योगी सरकार की सराहना करते हुए दावा किया कि पिछले पांच वर्ष का कार्यकाल कानून-व्यवस्था के लिए बहुत बेहतर था और पुलिस कर्मियों और अधिकारियों को काम करने के लिए इससे पहले कभी इतना सुखद अवसर नहीं मिला. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और केंद्रीय मंत्री तथा पार्टी के सह चुनाव प्रभारी अनुराग ठाकुर ने लखनऊ स्थित प्रदेश मुख्यालय में असीम अरुण को पार्टी की सदस्यता दिलाई. बीजेपी असीम अरुण को उनके गृह जिले कन्नौज से विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बना सकती है.
स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि असीम अरुण एक बेहतरीन अधिकारी रहे हैं. उनके पिता पूर्व पुलिस महानिदेशक श्रीराम अरुण ने अपराधियों के खिलाफ हमेशा सख्ती से कार्य किया. असीम अरुण ने भी कभी किसी नेता के दबाव में किसी गुंडे को नहीं छोड़ा और बीजेपी की नीतियों से प्रभावित होकर वह पार्टी में शामिल हुए हैं. यूपी कैडर के 1994 बैच के आईपीएस असीम अरुण ने नक्सलियों, आतंकवादियों और अन्य बड़े अपराधियों को अपने कार्यकाल के दौरान गिरफ्तार किया.
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