जयपुर:
राजस्थान पुलिस ने आध्यात्मिक गुरु आसाराम बापू को एक किशोरी के यौन उत्पीड़न मामले में पूछताछ के लिए मंगलवार को उनके इंदौर स्थित आश्रम में व्यक्तिगत रूप से नोटिस थमाया।
आसाराम बापू के खिलाफ एक सप्ताह पूर्व एक 16 वर्षीया लड़की ने यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज करवाया है।
जोधपुर के पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) अजय लाल लांबा ने बताया कि पुलिस के एक दल ने आसाराम के समर्थकों से आठ घंटों तक जद्दोजहद करने के बाद व्यक्तिगत तौर पर उन्हें नोटिस दिया।
अधिकारी ने कहा, "अनुयायियों ने कहा कि वे ध्यान में हैं इसलिए हमारी टीम ने आसाराम को व्यक्तिगत रूप से नोटिस थमाने से पहले आठ घंटे तक वहां इंतजार किया।" आसाराम के समर्थकों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी भी की।
पुलिस ने बताया कि इस लड़की ने आसाराम के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दिल्ली में एक पुलिस थाने में 20 अगस्त को दर्ज कराई थी। उसने आरोप लगाया है कि आसाराम ने राजस्थान के जोधपुर में स्थित आश्रम में उसके साथ दुष्कर्म किया था।
दिल्ली पुलिस द्वारा भेजी गई शिकायत की प्रति मिलने के बाद जोधपुर पुलिस ने 21 अगस्त को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की। इंदौर के अलावा गुजरात के अहमदाबाद स्थित आश्रम में भी सोमवार को नोटिस दिया जा चुका है।
आसाराम को बच्चों को यौन अपराधों से संरक्षण संबंधी कानून और भारतीय दंड विधान की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपी बनाया गया है।
पुलिस की एक टीम ने जोधपुर के समीप स्थित आध्यात्मिक गुरु के आश्रम की भी जांच की और कुछ लोगों के बयान भी दर्ज कर इस बात की तस्दीक की कि लड़की और उसके माता-पिता कथित घटना के रोज 15 अगस्त को वहां आए थे या नहीं।
अधिकारी ने कहा, "प्रारंभिक जांच में यह उभरा है कि 15 अगस्त को लड़की और उसके माता-पिता व आसाराम बापू वहां मौजूद थे। आश्रम के लिए जिस भूमि का उपयोग किया गया है, उसके मालिक ने पुलिस को बताया कि लड़की और उसके माता-पिता मुलाकात के लिए आश्रम आए थे।"
एक निजी चानल पर प्रसारित साक्षात्कार के मुताबिक आसाराम ने कहा, "लड़की के माता-पिता बाहर बैठे थे। जब वह (पीड़िता) चिल्लाई होगी तो उन्होंने कैसे नहीं सुना होगा? माना जा रहा है कि मैंने करीब डेढ़ घंटे तक उसके मुंह को जकड़े रखा।" उन्होंने कहा कि घटना के बाद लड़की वहां से गई और वहां मौजूद अपनी सहेलियों से मिली और उसने किसी से भी कुछ नहीं कहा। आसाराम ने कहा, "उसने अपनी सहेलियों से कुछ नहीं कहा। मैं उसकी सहेलियों को पेश कर सकता हूं।"
आसाराम ने लड़की से अकेले में मिलने की बात से इनकार किया। उन्होंने कहा, "मैं लड़की से नहीं मिला। मैं हर किसी से मिलता हूं, लेकिन लड़की जो कह रही है वह पूरी तरह झूठ है।" उन्होंने कहा, "सच सामने आएगा और मैं चिंतित नहीं हूं, क्योंकि पूर्व में मैं इससे भी खराब आरोपों का सामना कर चुका हूं।"
आसाराम ने कहा, "मैं अग्रिम जमानत नहीं लूंगा, लेकिन यह सब मेरे अनुयायियों पर निर्भर करता है।"
विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने, छेड़खानी के आरोपों से घिरे आध्यात्मिक गुरु आसाराम बापू के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मंगलवार को मांग की।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने आसाराम के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की। संसद के बाहर संवाददाताओं से उन्होंने कहा, "राजस्थान सरकार ऐसे लोगों को छुट्टा घूमने की इजाजत नहीं दे।"
कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह ने कहा 'भागने' की जगह आसाराम को जांच में सहयोग के लिए जोधपुर पुलिस के समक्ष हाजिर होना चाहिए।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के गुरुदास दासगुप्ता ने कहा, "आप क्रूरता, अमानवीयता पर विश्वास कर सकते हैं। मैं खुद को शर्मिदा महसूस करता हूं।"
इसी तरह के विचार व्यक्त करते हुए जनता दल (युनाइटेड) के नेता शरद यादव ने कहा, "बहुत से अच्छे संत हैं, लेकिन वह एक व्यापारी और भू-माफिया हैं। वह गलत दवाएं बेचते हैं।"
आसाराम बापू के खिलाफ एक सप्ताह पूर्व एक 16 वर्षीया लड़की ने यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज करवाया है।
जोधपुर के पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) अजय लाल लांबा ने बताया कि पुलिस के एक दल ने आसाराम के समर्थकों से आठ घंटों तक जद्दोजहद करने के बाद व्यक्तिगत तौर पर उन्हें नोटिस दिया।
अधिकारी ने कहा, "अनुयायियों ने कहा कि वे ध्यान में हैं इसलिए हमारी टीम ने आसाराम को व्यक्तिगत रूप से नोटिस थमाने से पहले आठ घंटे तक वहां इंतजार किया।" आसाराम के समर्थकों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी भी की।
पुलिस ने बताया कि इस लड़की ने आसाराम के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दिल्ली में एक पुलिस थाने में 20 अगस्त को दर्ज कराई थी। उसने आरोप लगाया है कि आसाराम ने राजस्थान के जोधपुर में स्थित आश्रम में उसके साथ दुष्कर्म किया था।
दिल्ली पुलिस द्वारा भेजी गई शिकायत की प्रति मिलने के बाद जोधपुर पुलिस ने 21 अगस्त को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की। इंदौर के अलावा गुजरात के अहमदाबाद स्थित आश्रम में भी सोमवार को नोटिस दिया जा चुका है।
आसाराम को बच्चों को यौन अपराधों से संरक्षण संबंधी कानून और भारतीय दंड विधान की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपी बनाया गया है।
पुलिस की एक टीम ने जोधपुर के समीप स्थित आध्यात्मिक गुरु के आश्रम की भी जांच की और कुछ लोगों के बयान भी दर्ज कर इस बात की तस्दीक की कि लड़की और उसके माता-पिता कथित घटना के रोज 15 अगस्त को वहां आए थे या नहीं।
अधिकारी ने कहा, "प्रारंभिक जांच में यह उभरा है कि 15 अगस्त को लड़की और उसके माता-पिता व आसाराम बापू वहां मौजूद थे। आश्रम के लिए जिस भूमि का उपयोग किया गया है, उसके मालिक ने पुलिस को बताया कि लड़की और उसके माता-पिता मुलाकात के लिए आश्रम आए थे।"
एक निजी चानल पर प्रसारित साक्षात्कार के मुताबिक आसाराम ने कहा, "लड़की के माता-पिता बाहर बैठे थे। जब वह (पीड़िता) चिल्लाई होगी तो उन्होंने कैसे नहीं सुना होगा? माना जा रहा है कि मैंने करीब डेढ़ घंटे तक उसके मुंह को जकड़े रखा।" उन्होंने कहा कि घटना के बाद लड़की वहां से गई और वहां मौजूद अपनी सहेलियों से मिली और उसने किसी से भी कुछ नहीं कहा। आसाराम ने कहा, "उसने अपनी सहेलियों से कुछ नहीं कहा। मैं उसकी सहेलियों को पेश कर सकता हूं।"
आसाराम ने लड़की से अकेले में मिलने की बात से इनकार किया। उन्होंने कहा, "मैं लड़की से नहीं मिला। मैं हर किसी से मिलता हूं, लेकिन लड़की जो कह रही है वह पूरी तरह झूठ है।" उन्होंने कहा, "सच सामने आएगा और मैं चिंतित नहीं हूं, क्योंकि पूर्व में मैं इससे भी खराब आरोपों का सामना कर चुका हूं।"
आसाराम ने कहा, "मैं अग्रिम जमानत नहीं लूंगा, लेकिन यह सब मेरे अनुयायियों पर निर्भर करता है।"
विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने, छेड़खानी के आरोपों से घिरे आध्यात्मिक गुरु आसाराम बापू के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मंगलवार को मांग की।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने आसाराम के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की। संसद के बाहर संवाददाताओं से उन्होंने कहा, "राजस्थान सरकार ऐसे लोगों को छुट्टा घूमने की इजाजत नहीं दे।"
कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह ने कहा 'भागने' की जगह आसाराम को जांच में सहयोग के लिए जोधपुर पुलिस के समक्ष हाजिर होना चाहिए।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के गुरुदास दासगुप्ता ने कहा, "आप क्रूरता, अमानवीयता पर विश्वास कर सकते हैं। मैं खुद को शर्मिदा महसूस करता हूं।"
इसी तरह के विचार व्यक्त करते हुए जनता दल (युनाइटेड) के नेता शरद यादव ने कहा, "बहुत से अच्छे संत हैं, लेकिन वह एक व्यापारी और भू-माफिया हैं। वह गलत दवाएं बेचते हैं।"
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