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This Article is From Jun 18, 2021

'सेंसरशिप चाहती है सरकार' : ट्विटर के साथ केंद्र की तनातनी के बीच असदुद्दीन ओवैसी का वार

ओवैसी ने कहा, "मुद्दा यह है कि सरकार नहीं चाहती है कि टेक कंपनियां जवाबदेह हों, वह सेंसरशिप चाहती है. अगर कंपनियां बीजेपी की विचारधारा के साथ जुड़ती हैं, तो ठीक है."

'सेंसरशिप चाहती है सरकार' : ट्विटर के साथ केंद्र की तनातनी के बीच असदुद्दीन ओवैसी का वार
ट्विटर के साथ केंद्र के विवाद के बीच ओवैसी ने साधा निशाना (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

नए आईटी नियमों को लेकर माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर और सरकार के बीच तनातनी चल रही है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बाद एआईएमआईएम के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी सरकार को निशाना साधा है. ओवैसी ने आरोप लगाया कि सरकार प्रौद्योगिकी कंपनियों को जवाबदेह बनाना नहीं चाहती है बल्कि उन पर सेंसरशिप चाहती है. ओवैसी ने यह प्रतिक्रिया केंद्रीय सूचना प्रौगद्योगिकी एवं दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद के एक बयान पर दिया.  

ओवैसी ने गुरुवार को अपने ट्वीट में लिखा, "मुद्दा यह है कि सरकार नहीं चाहती है कि टेक कंपनियां जवाबदेह हों, वह सेंसरशिप चाहती है. अगर कंपनियां बीजेपी की विचारधारा के साथ जुड़ती हैं, तो ठीक है. यदि सरकार वास्तव में उपयोगकर्ता की सुरक्षा चाहती है, तो उसे सख्त डेटा संरक्षण कानून बनाना होगा और हेट स्पीच/गलत सूचना पर  बाबुओं के बजाय अदालतों को फैसला करने के लिए सशक्त करना होगा."

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, "जब कुछ लोग ट्विटर के माध्यम से अपनी राजनीति करते हैं, तो उसमें मुझे कोई दिक्कत नहीं है... अब वे ट्विटर की राजनीति कर रहे हैं, फिर भी मुझे कोई समस्या नहीं है. यह मुद्दा ट्विटर और भारत सरकार या ट्विटर बनाम भाजपा का नहीं है. यह लड़ाई ट्विटर और उसके उपयोगकर्ताओं के बीच की है ताकि दुरुपयोग की स्थिति में उन्हें मंच दिया जा सके." 

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