ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने डॉ. कफील पर रासुका लगाए जाने को लेकर यूपी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक डॉक्टर नहीं, बल्कि 'ठोक देंगे' जैसे बयान देने वाले असलियत में राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है. औवेसी ने ट्वीट करते हुए लिखा है, 'उत्तर प्रदेश में दलितों, मुस्लिमों और विरोधियों के खिलाफ योगी सरकार लगातार रासुका का इस्तेमाल कर रही है. राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक डॉक्टर खतरा नहीं है. एक मुख्यमंत्री जो 'ठोक देंगे' और 'बोली नहीं तो गोली' जैसे बयान देता है, वह पक्का राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है.'
बता दें, संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के सिलसिले में मथुरा जिला कारागार में कैद डॉ कफील खान की जमानत पर शुक्रवार को रिहाई से पहले ही उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगा दिया गया है.
In UP, NSA has been repeatedly used by Yogi to target & persecute Dalits, Muslims & dissidents. A doctor is not a threat to national security. A CM saying “thok denge” & “boli nahi toh goli” is definitely a threat to national security#RepealNSA #ReleaseDrKafeel
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) February 14, 2020
उप्र स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने खान को मुम्बई हवाईअड्डा से 29 जनवरी को गिरफ्तार किया था. शुक्रवार को मथुरा के जिला कारागार से रिहा किए जाने से पहले उन पर रासुका लगा दिया गया. इस तरह, 10 फरवरी को अलीगढ़ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा उन्हें जमानत पर रिहा किए जाने के लिए दिए गए आदेश पर अमल की उम्मीद समाप्त हो गई.
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जेल अधीक्षक शैलेंद्र कुमार मैत्रेय ने बताया था, ‘डॉ. कफील खान, पुत्र शकील खान की रिहाई का आदेश गुरुवार देर शाम मिला था. इसलिए उनकी रिहाई आज (शुक्रवार) सुबह की जानी थी. लेकिन इससे पहले ही राज्य सरकार द्वारा उनके खिलाफ रासुका लगाए जाने की जानकारी मिली, जिसके अनुसार उन्हें रिहा करना संभव नहीं था. इसलिए रिहाई की कार्यवाही टाल दी गई.' उन्होंने एक सवाल के जवाब में बताया, ‘‘रासुका के तहत डॉ. कफील को अगले एक साल तक जेल में ही निरुद्ध रखा जा सकता है.'
वहीं, डॉ कफील के भाई अदील अहमद खान ने बताया, ‘...जिस तरह से रिहाई में देर की जा रही थी, उससे हमें पहले से ही आशंका हो गई थी कि राज्य सरकार उन पर रासुका की कार्यवाही कर सकती है.'
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उन्होंने बताया, (मथुरा) जेल शुक्रवार सुबह छह बजे रिहा करने वाला था. मेरे भाई कशीफ वकील के साथ जेल पहुंचे लेकिन सुबह नौ बजे तक जेल में पुलिस की मौजूदगी बढ़ा दी गई और हमें जेल अधिकारियों ने मौखिक रूप से कहा कि उन पर (कफील पर) रासुका लग गया है.' उन्होंने कहा, ‘यह कार्यवाही गैरकानूनी है. हम उच्च न्यायालय जाएंगे, जहां इस आदेश को निरस्त कर दिया जाएगा.'
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एएमयू में सीएए विरोधी एक प्रदर्शन के दौरान पिछले साल 12 दिसंबर को कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के सिलसिले में डॉ कफील के खिलाफ अलीगढ़ के सिविल लाइंस थाने में मामला दर्ज किया गया था. डॉक्टर कफील खान को अगस्त 2017 में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में कथित रूप से ऑक्सीजन की कमी की वजह से हुई 60 से ज्यादा बच्चों की मौत के मामले में गिरफ्तार किया गया था. करीब 2 साल के बाद जांच में खान को सभी प्रमुख आरोपों से बरी कर दिया गया था.
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