दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक प्रेस वार्ता कर एलजी से दिल्ली के सरकारी स्कूलों के टीचर्स को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजे जाने की अनुमति देने की मांग की. सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के अंदर शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बड़ी क्रांति हो रही है. दिल्ली की तरह ही अब पंजाब में भी सारी प्रक्रिया शुरू हो गई है. एक तरफ, पंजाब सीएम भगवंत मान द्वारा पंजाब में इंफ्रास्ट्रक्चर ठीक कर स्कूलों का कायाकल्प किया जा रहा है और दूसरी तरफ टीचर्स को तैयार करने के लिए विदेश में ट्रेनिंग पर भेजा जा रहा है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पंजाब के 36 टीचर्स ट्रेनिंग के लिए सिंगापुर जा रहे, यह बहुत ख़ुशी की बात है. मैं एलजी साहब से अपील करता हूं कि दिल्ली के टीचर्स को भी ट्रेनिंग के लिए फ़िनलैंड जाने दें. दिल्ली की तर्ज पर पंजाब के सरकारी स्कूलों के 36 प्रिंसिपल 6 से 10 फरवरी तक ट्रेनिंग के लिए सिंगापुर जा रहे हैं, जो वापस आकर अपने स्कूल सुधारेंगे. अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि दिल्ली में अब तक 1000 से ज्यादा प्रिंसिपल विदेश जाकर ट्रेनिंग ले चुके हैं और वापस आकर उन्होंने अपने स्कूलों को सुधारा है. हमारे 30 प्रिंसिपल दिसंबर में ट्रेनिंग करने जाने वाले थे, लेकिन एलजी साहब की आपत्ति की वजह से वे नहीं जा पाए.
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि अब 30 प्रिंसिपल मार्च में जाने वाले हैं, 20 जनवरी को हमने तीसरी बार फाइल भेजी है, जो एलजी ऑफिस में लंबित पड़ी है, ऐसा लगता है कि यह ट्रेनिंग भी रद्द हो जाएगी. एलजी साहब का कहना है कि उनको शिक्षकों को विदेश जाने से कोई आपत्ति नहीं है, अगर ऐसा है, तो फिर 15 दिन से फाइल उनके दफ्तर में क्यों लंबित है? 2018 में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने आदेश दिया था कि एलजी के पास फाइलें नहीं जाएंगी और मुख्यमंत्री व मंत्री सारे निर्णय लेंगे. 2021 में केंद्र सरकार ने नया कानून पास कर दिया, अब सारी फाइलें एलजी के पास जाती हैं और एलजी हर फाइल पर आपत्ति लगा देते हैं. हमने केंद्र सरकार के इस कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, हमें उम्मीद है कि कोर्ट इस गैर संवैधानिक कानून को रद्द कर देगा. मुझे उम्मीद है कि एलजी साहब टीचर्स ट्रेनिंग की फाइल जल्दी क्लियर करेंगे और हमारे टीचर्स को भी विदेश जाने देंगे.
मैं और मेरे विधायक एलजी साहब से फाइल क्लियर कराने राजनिवास भी गए थे- केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जब मैं और मेरे सारे विधायक इसके विरोध में राजनिवास गए थे और एलजी से फाइल को क्लियर करने का अनुरोध किया था. तो एलजी साहब की ओर से पूरी मीडिया में कहा गया था कि मुझे टीचर्स को विदेश जाने पर कोई आपत्ति नहीं है. मैं कोई आपत्ति नहीं कर रहा हूं. मैंने तो एक सूचना मांगी थी. अगर एलजी साहब आपत्ति नहीं कर रहे हैं, तो फिर 15 दिन से फाइल उनके दफ्तर में क्यों लंबित पड़ी हुई है. उन्होंने क्यों नहीं क्लियर किया? इस सिलसिले में मैं यह कहना चाहता हूं कि कानूनों और संविधान में साफ-साफ लिखा है कि एलजी मंत्रिपरिषद की सलाह और सहायता मानने को बाध्य हैं. इसका मतलब यह होता है कि फाइलें एलजी के पास नहीं जानी चाहिए. दूसरे राज्यों में भी यह लिखा हुआ है कि राज्यपाल मंत्रिपरिषद की सलाह और सहायता मानने को बाध्य हैं. केंद्र सरकार ने लिखा है कि राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद की सलाह और सहायता मानने को बाध्य हैं. केंद्र और राज्य सरकारों में फाइलें राष्ट्रपति या राज्यपाल के पास नहीं जाती हैं. दिल्ली में भी 2018 में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने आर्डर किया था कि एलजी के पास फाइलें नहीं जाएंगी. मुख्यमंत्री और मंत्री सारे निर्णय लेंगे और वो निर्णय तुरंत लागू कर दिए जाएंगे, लेकिन 2021 में केंद्र सरकार ने बदमाशी करके कानून पास कर दिया और उसमें लिख दिया कि सारी फाइलें एलजी के पास जाया करेंगी. यह कानून बिल्कुल गलत है. अब सारी फाइलें एलजी के पास जाती हैं और हर फाइल पर एलजी कोई न कोई आपत्ति लगा देते हैं. यह कानून बिल्कुल गलत है. यह कानून संविधान के खिलाफ है.
दिल्ली सरकार के कामों में अड़चन नहीं अड़ाना चाहिए- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने साफ-साफ कहा था कि कोई भी फाइल एलजी के पास नहीं जाएगी, क्योंकि हमने संविधान पीठ को बताया कि किस तरह से उसके पहले एलजी साहब ने आपत्तियां लगाकर दो साल तक मोहल्ला क्लिनिक रोक दिए, दो साल तक सीसीटीवी कैमरे नहीं लगने दिए. 04 जुलाई, 2018 को संविधान पीठ ने कहा था कि कोई भी फाइल एलजी के पास नहीं जाएगी, लेकिन 2021 में केंद्र सरकार ने संविधान के खिलाफ कानून पास कर दिया. अब हमने इस कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की हुई है और हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट इस कानून को गैर संवैधानिक घोषित कर इसे रद्द करेंगे, ताकि दिल्ली सरकार अपना कार्य कर सकें. इस तरह से दिल्ली के लोगों के हर काम में अड़चन अड़ाना, चुनी हुई सरकार के हर काम में अड़चन अड़ाना सही नहीं है. मैं उम्मीद करता हूं कि जब तक सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं आता है, एलजी साहब इस फाइल को जल्दी क्लियर करेंगे और हमारे टीचर्स को भी विदेश जाने देंगे.
हमारे पार्षदों को नहीं खरीद पा रही भाजपा- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने एमसीडी के मेयर पद के चुनाव को लेकर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि भाजपा वाले बताएंगे कि वे चुनाव होने देंगे या नहीं होने देंगे. हर बार भाजपा वाले ही चुनाव को रुकते हैं. हम तो चुनाव कराना चाहते हैं. पिछली बार हम सबने देखा कि की भाजपा के लोग जानबूझकर शोर कर रहे थे. अब उनको मान लेना चाहिए कि वे चुनाव हार गए हैं. वे जैसे राज्यों में करते हैं. राज्यों में चुनाव हार जाते हैं लेकिन फिर भी सरकार उनकी ही बनती है. वे खरीद-फरोख्त कर लेते हैं. भाजपा हमारे पार्षदों की खरीद-फरोख्त नहीं कर पा रही हैं, तो सदन ही नहीं चलने दे रहे हैं और मेयर का चुनाव ही नहीं होने दे रहे हैं.
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केंद्र सरकार ने अपने बजट में दिल्ली को छोड़ देश के सभी नगर निगमों को पैसा दिया है-केजरीवाल
केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा पेश किए गए बजट को लेकर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पूरे देश से केंद्र सरकार इनकम टैक्स इकट्ठा करती है, लेकिन केंद्र सरकार उसको इस्तेमाल नहीं कर सकती. केंद्र सरकार को उसे सारे राज्यों में बांटना होता है. पूरे देश में सबसे ज्यादा टैक्स दिल्ली के लोग देते हैं. पिछले साल दिल्ली के लोगों ने 1.75 लाख करोड़ रुपए का इनकम टैक्स दिया और उसमें से दिल्ली को केवल 325 करोड रुपए दिए. 325 करोड़ रुपए ही पिछले 20 साल से हर साल मिल रहे हैं. यह कहावत है कि सोने की अंडे देने वाली मुर्गी को मारना नहीं चाहिए. दिल्ली तो एक तरह से सोने के अंडे देती है. अगर उसका ही गला घोंट दोगे, तो कैसे काम चलेगा. आप दिल्ली में जितना ज्यादा निवेश करोगे, दिल्ली की अर्थव्यवस्था में निवेश करोगे, उतना ही ज्यादा दिल्ली टैक्स देगी. आप दिल्ली में निवेश ही नहीं करोगे और दिल्ली का गला घोंट दोगे, तो कैसे काम चलेगा. केंद्र सरकार ने कल अपने बजट में देश के सभी नगर निगमों को पैसा दिया, केवल दिल्ली को पैसा नहीं दिया. मैं केंद्र सरकार से पूछना चाहता हूं कि आपका दिल्ली के लोगों से क्या दुश्मनी है। केवल दिल्ली नगर निगम को पैसा नहीं दिया गया. बाकी पूरे देश के सारे नगर निगमों को पैसा दिया गया है.
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