जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राज्य के 400 से ज़्यादा नेताओं की सुरक्षा बहाल कर दी है. पुलवामा हमले के बाद मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने एक विवादित फ़ैसले के तहत 900 से ज़्यादा लोगों की सुरक्षा हटा ली थी. लेकिन राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने गृह मंत्रालय के इस फैसले पर नाराजगी जाहिर की थी. इस बारे में राज्य के राजनीतिक दलों ने निर्वाचन आयोग से शिकायत भी की थी कि चुनाव के दौरान इस फैसले से मुख्यधारा के नेताओं की जान को खतरा बढ़ गया है और ये चुनावी प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाने की साजिश है. राज्यपाल ने कहा कि सभी योग्य लोगों की सुरक्षा फौरी तौर से बहाल की जा रही है.
बता दें कि जम्मू और कश्मीर में पिछले एक साल से राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है. यहां 11 अप्रैल से 6 मई तक 5 चरणों में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होगा जिनके नतीजे 23 मई को सामने आएंगे. पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद जम्मू कश्मीर के कई नेताओं और अलगाववादियों की सुरक्षा को हटा दिया गया था. जिस पर राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने नाराजगी भी जताई थी. एनडीटीवी से बातचीत में मलिक ने नेताओं की सुरक्षा बहाल की पुष्टि की है.
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शनिवार को श्रीनगर में एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी.जहां कश्मीर के सुरक्षा हालातों पर चर्चा हुई थी. जिसके बाद यह फैसला लिया गया. राज्यपाल सत्यमलिक ने कहा कि यह हमारे लिए किसी भी तरह की प्रतिष्ठा का मुद्दा नहीं है इसे केवल तर्कसंगत बनाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हम किसी की भी सुरक्षा को खतरे में नहीं डालेंगे.
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