अनंतनाग में शहीद हुए कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोंचक और हुमायूं भट के हत्यारे की तलाश से सेना ने दिन रात एक कर दिया हैं. आतंकियों पर ड्रोन्स और हेरोन्स के जरिये भी नज़र रखी जा रही है ताकि वे बच ना पाए . आतंकियों को पता लगाने के लिये नये पीढ़ी के हथियार और डिवाइस का भी इस्तेमाल किया जा रहा है . सेना की इस करवाई पर 15 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई और विक्टर फ़ोर्स के जीओसी मॉनिटर कर रहे हैं . खबर है इस इलाके में अभी भी दो से तीन आतंकी छुपे हुए है.
यह वही आतंकी है जिनके बारे में इंटेलिजेंस इनपुट मिलने सुरक्षा बलों ने मंगलवार देर रात को अनंतनाग के गरोल में ऑपेरशन लांच किया. पहले आतंकियों की तलाश में गांव में गहन तलाशी अभियान चलाया गया. सर्च के दौरान पता चला कि आतंकी गांव के ऊपर की तरफ घने जंगल मे छिपे हैं. यह लीड मिलने के बाद कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनप्रीत और कंपनी कमांडर मेजर आशीष की अगुवाई में सर्च टीम भेजी गई. 13 सिंतबर को इन सैनिकों पर आतंकियों ने भारी गोलाबारी की . सेना के इन अफसरों ने जवाबी कार्रवाई की.
फायरिंग में कर्नल मनप्रीत , मेजर आशीष और डीएसपी हुमायूं घायल हो गए. बाद में इनको बचाया नही जा सका . इस ऑपरेशन में दो और जवान घायल हो गए हैं. आतंकियों के खिलाफ अभी भी कार्रवाई जारी हैं
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