श्रीनगर में सेना द्वारा आयोजित एक इफ्तार पार्टी का अंत झड़प और गोलीबारी के साथ हुआ. झड़प में 4 लड़कियां घायल हो गई हैं, जिनकी उम्र 15-17 साल के बीच है. पुलिस के अनुसार उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है और हालत स्थिर है. दरअसल, सेना ने सद्धाव के तहत दक्षिण कश्मीर के सोपियां इलाके के डीके पुरा गांव में इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था. यह आयोजन केंद्र सरकार के रमजान के दौरान घाटी में शांति और सद्भाव बहाली के लिए सीजफायर के हालिया निर्णय को ध्यान में रखते हुए किया गया था. सेना इफ्तार पार्टी में बिरयानी समेत खानपान का अन्य सामान लेकर पहुंची थी, लेकिन स्थानीय लोगों ने इसे लेने से इनकार कर दिया और अराजकता शुरू कर दी. शरारती तत्व सेना पर पत्थर फेंकने लगे. जिसकी वजह से सेना को गोली चलानी पड़ी और चार लोग घायल हो गए.
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जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक एसपी वैद ने कहा कि, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है. सेना ने बहुत अच्छी पहल की थी, लेकिन शायद इसे ढंग से प्लान नहीं किया गया. मेरी समझ से इफ्तार पार्टी का आयोजन कैंप के अंदर ही किया जाना चाहिये था'. पुलिस सूत्रों के मुताबिक अब सेना को ऐसे इलाकों में इफ्तार पार्टी के आयोजन से मना किया गया है, जहां स्थानीय निवासी विरोध कर सकते हैं. गौरतलब है कि घाटी के तमाम इलाकों में पिछले कुछ सालों से सेना और स्थानीय लोगों के संबंध तनावपूर्ण रहे हैं. सेना अक्सर आरोप लगाती रही है कि स्थानीय निवासी आतंकियों के खिलाफ सेना के अभियान को नाकाम करने का प्रयास करते हैं. कई बार तो ऐसी भी घटनाएं सामने आई हैं जब एनकाउंटर के दौरान भीड़ ने सेना को घेर लिया हो. पिछले दो वर्षों के दौरान पुलिस, पैरामिलिट्री और सेना के कैंप पर कई बार हमले हो चुके हैं.
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