फाइल फोटो
जालंधर:
भारतीय सेना ने पंजाब के गुरदासपुर में दीनानगर के निकट 27 जुलाई को एक रेलवे पुल पर आतंकवादियों द्वारा लगाए गए बमों का पता लगाकर बड़ी दुर्घटना को टालने वाले रेलवे के दो कर्मचारियों को शनिवार को पुरस्कृत किया।
पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल के.जे. सिंह ने जम्मू के निकट टाइगर डिविजन में एक समारोह के दौरान रेलवे के गेटमैन दर्शन कुमार व सतपाल को सम्मानित किया।
सेना के एक प्रवक्ता ने कहा कि सतपाल को सेना कमांडर का प्रशस्ति पत्र भी मिला। प्रवक्ता ने कहा, 'गुरदासपुर के दीनानगर में 27 जुलाई को दीनानगर से पठानकोट जाने वाली रेलवे लाइन पर इन दोनों जागरूक हिंदुस्तानियों ने पांच जिंदा आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) का पता लगाया, जो यात्रियों की जान बचाने में मददगार साबित हुआ।'
प्रवक्ता के मुताबिक, 'अगर उनमें सतर्कता और जिम्मेदारी की भावना नहीं होती, तो यात्री रेलगाड़ी आईईडी पर चढ़कर गुजरती, जिससे एक बड़ा हादसा हो सकता था।'
दीनानगर में सोमवार सुबह 5.30 बजे घुसे तीनों आतंकवादियों की मंशा ज्यादा से ज्यादा जानमाल को नुकसान पहुंचाने की थी, जिसके लिए उन्होंने पठानकोट-अमृतसर रेलखंड पर एक छोटे से पुल पर पांच बम लगा दिए थे। लेकिन एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया, क्योंकि रेलवे के सतर्क कर्मचारियों ने एक रेलगाड़ी के गुजरने के ठीक पांच मिनट पहले उन बमों का पता लगा लिया। बमों को दीनानगर से पांच किलोमीटर दूर परमानंद रेलवे स्टेशन के करीब लगाया गया था।
गौरतलब है कि 27 जुलाई को दीनानगर में तीन आतंकवादियों के हमले में एक पुलिस अधिकारी सहित सात लोगों की मौत हो गई थी। इनमें गृह रक्षा वाहिनी के तीन जवान और तीन नागरिक शामिल हैं। दीनानगर पुलिस थाने में छिपे आतंकवादियों व सुरक्षाकर्मियों के बीच 11 घंटे तक भीषण मुठभेड़ चली, जिसमें तीनों आतंकवादियों को मार गिराया गया।
पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल के.जे. सिंह ने जम्मू के निकट टाइगर डिविजन में एक समारोह के दौरान रेलवे के गेटमैन दर्शन कुमार व सतपाल को सम्मानित किया।
सेना के एक प्रवक्ता ने कहा कि सतपाल को सेना कमांडर का प्रशस्ति पत्र भी मिला। प्रवक्ता ने कहा, 'गुरदासपुर के दीनानगर में 27 जुलाई को दीनानगर से पठानकोट जाने वाली रेलवे लाइन पर इन दोनों जागरूक हिंदुस्तानियों ने पांच जिंदा आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) का पता लगाया, जो यात्रियों की जान बचाने में मददगार साबित हुआ।'
प्रवक्ता के मुताबिक, 'अगर उनमें सतर्कता और जिम्मेदारी की भावना नहीं होती, तो यात्री रेलगाड़ी आईईडी पर चढ़कर गुजरती, जिससे एक बड़ा हादसा हो सकता था।'
दीनानगर में सोमवार सुबह 5.30 बजे घुसे तीनों आतंकवादियों की मंशा ज्यादा से ज्यादा जानमाल को नुकसान पहुंचाने की थी, जिसके लिए उन्होंने पठानकोट-अमृतसर रेलखंड पर एक छोटे से पुल पर पांच बम लगा दिए थे। लेकिन एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया, क्योंकि रेलवे के सतर्क कर्मचारियों ने एक रेलगाड़ी के गुजरने के ठीक पांच मिनट पहले उन बमों का पता लगा लिया। बमों को दीनानगर से पांच किलोमीटर दूर परमानंद रेलवे स्टेशन के करीब लगाया गया था।
गौरतलब है कि 27 जुलाई को दीनानगर में तीन आतंकवादियों के हमले में एक पुलिस अधिकारी सहित सात लोगों की मौत हो गई थी। इनमें गृह रक्षा वाहिनी के तीन जवान और तीन नागरिक शामिल हैं। दीनानगर पुलिस थाने में छिपे आतंकवादियों व सुरक्षाकर्मियों के बीच 11 घंटे तक भीषण मुठभेड़ चली, जिसमें तीनों आतंकवादियों को मार गिराया गया।
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