दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जल्द ही सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात करने वाले हैं. उनके इस प्रयास को लोकसभा चुनाव से पहले थर्ड फ्रंड तैयार करने की कवायत माना जा रहा है. अरविंद केजरीवाल आने वाले चुनाव में गैर -बीजेपी और गैर-कांग्रेस सरकार बनाने की तैयारी में जुटे हैं. मिल रही जानकारी के अनुसार अरविंद केजरीवाल ने इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों को रात्रि भोज पर बुलाया है ताकि वो एक साथ बैठकर प्रोग्रेसिव ग्रुप तैयार करना चाहते हैं. इस बाबत उन्होंने 5 मार्च को सभी मुख्यमंत्रियों को पत्र भी लिखा है. हालांकि, सूत्रों के अनुसार अरविंद केजरीवाल द्वारा मुख्यमंत्रियों को भेजे गए प्रस्ताव पर कई मुख्यमंत्रियों ने उत्सुकता नहीं दिखाई है.
मिली जानकारी के अनुसार अरविंद केजरीवाल ने 5 मार्च को प.बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, और अन्य शामिल हैं. सूत्रों के अनुसार तेलंगाना के सीएम KCR ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस बैठक में आने से मना कर दिया है.
बता दें कि बीते कुछ समय में KCR ने ही गैर-बीजेपी और गैर-कांग्रेस सरकार बनाने की बात कही थी. लेकिन जब दूसरी पार्टियां ऐसी ही सरकार बनाने की बात कर ही हैं तो उनकी प्रतिक्रिया उत्साह बढ़ाने वाली नहीं है. वो इन दिनों अपनी पार्टी को दूसरे राज्यों तक पहुंचाने पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं.
सूत्रों के अनुसार बिहार और प.बंगाल सरकार ने अरविंद केजरीवाल सरकार की तरफ से मिले न्योते की पुष्टि की है. लेकिन इस न्योते को लेकर उन्होंने कुछ खास रुचि नहीं दिखाई. गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही केंद्र की तीन मुख्य विपक्षी पार्टी ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों से दूरी बनाने का फैसला लिया है. पार्टियों का ये फैसला इस ओर इशारा करता है कि वे इन दोनों पार्टियों को एक समान ट्रीट करेंगे.कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी से मनाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव की मुलाकात के बाद ये फैसला लिया गया है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अगले हफ्ते ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से भी मुलाकात करेंगी, जो बीजू जनता दल के प्रमुख हैं.
तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने NDTV से कहा, "राहुल गांधी ने विदेशों में टिप्पणियां कीं और जब तक वह माफी नहीं मांगते, तब तक बीजेपी संसद को चलने नहीं देगी. इसका मतलब है कि वे कांग्रेस का इस्तेमाल करके संसद नहीं चलाना चाहते. बीजेपी चाहती है कि राहुल गांधी विपक्ष का चेहरा बनें. ताकि ये बीजेपी की मदद करे. प्रधानमंत्री पद के चेहरे (2024 के चुनाव के लिए) पर फैसला करने की कोई आवश्यकता नहीं है."
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