
अन्ना हजारे ने लोकपाल की नियुक्ति को लेकर अनशन पर बैठे हैं.
खास बातें
- अन्ना हजारे का अनशन स्थगित
- महाराष्ट्र के मंत्री से हुई बात
- लोकपाल और किसानों के मुद्दे पर था अनशन
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने अपना अनशन स्थगित कर दिया है. उन्होंने यह फैसला महाराष्ट्र सरकार में मंत्री गिरीश महाजन से बातचीत के बाद किया है. इससे पहले उन्होंने ऐलान किया था कि वह लोकपाल और किसान के मद्दे पर अनशन करने जा रहे हैं. हफ्ते भर इस अनशन की घोषणा करते वक्त अन्ना हजारे ने कहा था कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार लोकपाल आंदोलन के कारण केन्द्र की सत्ता में आयी और वह लोकपाल की नियुक्ति को लेकर दो अक्तूबर से भूख हड़ताल शुरू करने के अपने फैसले पर अटल हैं. हजारे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि पिछले चार साल में सरकार टाल-मटोल का रवैया अपनाती रही और लोकपाल या लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं की. हजारे ने लिखा, ‘‘लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्ति के लिये 16 अगस्त, 2011 को समूचा देश सड़कों पर उतर आया था. आपकी सरकार इसी आंदोलन की वजह से सत्ता में आयी.’’
उन्होंने कहा, ‘‘चार साल बीत गये लेकिन सरकार किसी न किसी कारण से लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्ति टालती रही.’’ इसके साथ ही हजारे ने घोषणा की थी कि वह गांधी जयंती के अवसर पर दो अक्टूबर से रालेगण सिद्धि में भूख हड़ताल पर बैठेंगे. उन्होंने शुक्रवार को पीटीआई-भाषा से कहा कि किसानों को उनके उत्पादन का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है, जिसके चलते किसान आत्महत्या कर रहे हैं.
इनपुट : भाषा