अन्ना हजारे 30 जनवरी को फिर से करेंगे भूख हड़ताल, सियासी दलों को आंदोलन से दूर रहने के लिए कहा

समाजसेवी अन्ना हजारे एक बार फिर से अनशन करने जा रहे हैं. अन्ना इस बार आंदोलन दिल्ली में नहीं बल्कि अपने गांव रालेगण सिद्धि में अनशन करेंगे.

अन्ना हजारे 30 जनवरी को फिर से करेंगे भूख हड़ताल, सियासी दलों को आंदोलन से दूर रहने के लिए कहा

अन्ना हजारे (फाइल फोटो)

खास बातें

  • रालेगण सिद्धि में करेंगे आंदोलन
  • मोदी सरकार के कामकाज से नाराज हैं अन्ना
  • पांच साल इंतजार किया लेकिन कुछ नहीं हुआ- अन्ना
नई दिल्ली:

समाजसेवी अन्ना हजारे एक बार फिर से अनशन करने जा रहे हैं. अन्ना इस बार आंदोलन दिल्ली में नहीं बल्कि अपने गांव रालेगण सिद्धि में अनशन करेंगे. अन्ना ने सभी राजनीतिक दलों से इस अनशन से दूर रहने की अपील की है. बता दें कि कुथ दिन पहले समाजसेवी हजारे ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर लोकायुक्त नियुक्त करने की मांग की थी. शनिवार को उन्होंने कहा कि साल 2013 में लोकपाल कानून बनाया गया था. उसके बाद साल 2014 में बीजेपी सरकार सत्ता में आई. हमें उम्मीद थी कि अब कुछ होगा लेकिन पांच साल में कुछ भी नहीं हुआ. इसलिए तय किया है कि मैं 30 जनवरी से अपने गांव रालेगण सिद्धि में भूख हड़ताल पर बैठूंगा. 

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पिछले दिनों अन्ना हजारे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक खत लिखा था जिसनें लोकायुक्त की नियुक्ति की बात कही गई थी. अन्ना ने अपने पत्र में आरोप लगाया था कि केंद्र की मोदी सरकार देशवासियों के साथ धोखाधड़ी कर रही है. लोकपाल और लोकायुक्त जैसे महत्वपूर्ण कानून पर अमल नहीं होना और सरकार का बार-बार झूठ बोलना वह बर्दाश्त नहीं कर सकते. इसलिए मैंने फैसला किया है कि महात्मा गांधी की पुण्यतिथि से आंदोलन करने का फैसला किया है. 

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अपनी चिट्ठी में अन्ना ने कहा कि हमारे देश में संविधान को सबसे ऊपर दर्जा दिया गया है. लेकिन सरकार संवैधानिक संस्थाओं का पालन नहीं कर रही है. जिसकी वजह से देश के लोकतंत्र को खतरा हो गया है. समाजसेवी हजारे ने लिखा कि पिछली बार के आंदोलन से सीख लेते हुए सभी राजनीतिक दलों को साफ कर देना चाहता हूं कि वह इस आंदोलन में शामिल न हों. लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि उनके कुछ पुराने साथी योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण और कुमार विश्वास इस आंदोलन में हिस्सा ले सकते हैं.  

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