विधानसभा चुनाव से चार महीने पहले आंध्र प्रदेश की राजनीति में एक दिलचस्प घटनाक्रम हुआ है. पूर्व चुनाव अभियान रणनीतिकार प्रशांत किशोर शनिवार को राज्य में पहुंचे और तेलुगु देशम पार्टी के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू से मुलाकात की. इससे प्रशांत किशोर द्वारा टीडीपी को चुनाव से संबंधित सलाह देने की अटकलें तेज हो गई हैं.
प्रशांत किशोर द्वारा स्थापित इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (I-PAC) ने 2019 में राज्य में वाईएसआर कांग्रेस की शानदार जीत में भूमिका निभाई थी और उन्हें पार्टी ने 2024 के चुनाव के लिए फिर से काम पर रखा है.
बैठक की अहमियत का संकेत तब मिला जब प्रशांत किशोर ने टीडीपी महासचिव और चंद्रबाबू नायडू के बेटे नारा लोकेश व तीन अन्य लोगों के साथ एक निजी विमान से हैदराबाद से विजयवाड़ा के लिए उड़ान भरी. इन तीनों में से एक व्यक्ति I-PAC का पूर्व सदस्य था, जिसने रॉबिन शर्मा द्वारा स्थापित राजनीतिक रणनीति फर्म शोटाइम कंसल्टिंग में शामिल होने के लिए प्रशांत किशोर का संगठन छोड़ दिया था. रॉबिन शर्मा की फर्म टीडीपी को सलाह दे रही है. आंध्र प्रदेश में I-PAC का नेतृत्व ऋषि राज सिंह कर रहे हैं.
शनिवार की शाम को I-PAC ने एक्स पर पोस्ट किया कि वह वाईएसआरसीपी के साथ काम करने के लिए समर्पित है जब तक कि जगन मोहन रेड्डी "2024 में फिर से प्रचंड जीत हासिल नहीं कर लेते."
पोस्ट में लिखा है - "I-PAC पिछले साल से वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर काम कर रहा है. साथ में हम तब तक अथक प्रयास करने के लिए समर्पित हैं जब तक जगन मोहन रेड्डी 2024 में फिर से प्रचंड जीत हासिल नहीं कर लेते ताकि आंध्र प्रदेश के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए वे अपने अटूट प्रयास जारी रख सकें."
I-PAC has been working in collaboration with @YSRCParty since last year. Together, we're dedicated to working tirelessly until @ysjagan secures a thumping victory again in 2024 and continues his unwavering efforts to better the lives of the people of Andhra Pradesh.
— I-PAC (@IndianPAC) December 23, 2023
रॉबिन शर्मा ने नारा लोकेश को उनकी युवा गलम पदयात्रा (मार्च) के दौरान भी सलाह दी थी. यह यात्रा 226 दिनों की अवधि में आंध्र प्रदेश में 3,132 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद 18 दिसंबर को समाप्त हुई थी. वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख जगन मोहन रेड्डी के इसी तरह के मार्च ने 2019 में उनकी पार्टी की जीत में बड़ी भूमिका निभाई थी.
रणनीतिकार से बने कार्यकर्ताप्रशांत किशोर ने 2014 के चुनावों में पीएम नरेंद्र मोदी के चुनाव अभियान में भूमिका निभाई थी. वे कुछ समय के लिए नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) का भी हिस्सा रहे. तृणमूल कांग्रेस को उसके चुनावी अभियान I-PAC ने सहायता की थी. साल 2021 में पश्चिम बंगाल चुनाव जीतने के बाद प्रशांत किशोर ने चुनावी रणनीति बनाने का काम छोड़ दिया.
प्रशांत किशोर ने 2022 में जन सुराज अभियान की स्थापना की और एक राजनीतिक कार्यकर्ता बन गए. वह पदयात्रा कर रहे हैं और उन्होंने जन सुराज के राजनीतिक दल में तब्दील होने से इनकार नहीं किया है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा है कि वे खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे.
तेलंगाना फैक्टरवाईएसआरसीपी और टीडीपी दोनों का राजनीतिक गुणा भाग अब तेलंगाना के नतीजों को ध्यान में रख चल रहा है. तेलंगाना में कांग्रेस ने भारत राष्ट्र समिति के के चंद्रशेखर राव के खिलाफ जीत हासिल की है. केसीआर को 2014 में राज्य के गठन के बाद से ही राज्य में लोकप्रिय माना जाता रहा था. तेलंगाना को आंध्र प्रदेश से अलग करके बनाया गया था. इन दोनों तेलुगु राज्यों में कुछ मुद्दे समान हैं.
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