छात्रों के घेराव के दौरान टेबल पर चढ़े पाथराबे
पुणे:
महाराष्ट्र के पुणे स्थित फिल्म और टेलिविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में हाल ही में हुए विवाद के तीन अलग-अलग वीडियो सामने आए हैं जो मंगलवार की रात पांच छात्रों की गिरफ्तारी से पहले के हैं। बताया जा रहा है कि इसी घटना के कारण पांच छात्रों पर पुलिस ने कार्रवाई की।
एक वीडियो जिसे संस्थान के मैनेजमेंट ने जारी किया है, उसमें दिखाई दे रहा है कि इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर प्रशांत पाथराबे को छात्रों ने घेर रखा है और वह एक टेबल पर चढ़े हुए हैं और छात्र नारे लगा रहे हैं 'तानाशाही नहीं चलेगी'।
बताया जा रहा है कि सोमवार को छात्रों ने संस्थान के निदेशक को उनके ही कार्यालय में करीब आठ घंटों तक बंधक बनाए रखा और उन्हें तब तक नहीं जाने देने की जिद पकड़ रखी थी जब तक वह उनकी बातें नहीं सुन लेते।
वीडियो में यह भी दिखाई दे रहा है कि काफी संख्या में छात्र नारे लगा रहे हैं और वह भी निदेशक के कार्यालय में...
इस वीडियो के उलट छात्रों ने दो वीडियो जारी किए हैं। पहले वीडियो में एक पुलिसवाला छात्र को धक्का देते हुए दिखाई दे रहा है जबकि दूसरे वीडियो में संस्थान के निदेशक विवाद बढ़ने से पहले छात्रों के साथ हंसते हुए बात कर रहे हैं।
बुधवार को अपनी बात रखते हुए निदेशक पाथराबे ने छात्रों की गिरफ्तारी को सही बताया और कहा, मुझे 8-10 घंटों तक गैर-कानूनी रूप से बंधक बनाए रखा गया। सवाल पूछते-पूछते मुझे प्रताड़ित किया गया। पाथराबे के कहना था कि छात्रों का व्यवहार अभद्र था और अपमानजनक था। वे मुझसे लगातार एक ही सवाल पूछ रहे थे जिसका जवाब किसी भी इंसान के लिए दे पाना नामुमकिन था।
उन्होंने आगे कहा कि ये लोग कैसे छात्र हो सकते हैं। वे लगातार मुझपर निर्णय वापस लेने का दबाव बनाते रहे। उन्होंने मेरे कार्यालय का सामान तोड़ा। और मैं घटना से अभी तक शॉक में हूं।
छात्र लगातार यह मांग कर रहे थे कि 2008 के बैच के सदस्यों को हॉस्टल ने हटाया जाए और बिना फाइनल प्रोजेक्ट जमा किए उनका छात्रों के परिणाम तैयार कर दिए जाएं।
निदेशक ने रात में पुलिस को बुलवाया और छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने उनके साथ उचित व्यवहार नहीं किया और मारपीट भी की।
पाथराबे ने 17 छात्रों के खिलाफ नामजद और 30 अज्ञात छात्रों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। गिरफ्तार पांच छात्रों को आज जमानत भी मिल गई।
उल्लेखनीय है कि करीब 200 छात्र 70 दिनों के लिए हड़ताल पर रहे हैं। ये छात्र टीवी एक्टर गजेंद्र चौहान को संस्थान का चेयरमैन बनाए जाने का विरोध कर रहे हैं।
एक वीडियो जिसे संस्थान के मैनेजमेंट ने जारी किया है, उसमें दिखाई दे रहा है कि इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर प्रशांत पाथराबे को छात्रों ने घेर रखा है और वह एक टेबल पर चढ़े हुए हैं और छात्र नारे लगा रहे हैं 'तानाशाही नहीं चलेगी'।
बताया जा रहा है कि सोमवार को छात्रों ने संस्थान के निदेशक को उनके ही कार्यालय में करीब आठ घंटों तक बंधक बनाए रखा और उन्हें तब तक नहीं जाने देने की जिद पकड़ रखी थी जब तक वह उनकी बातें नहीं सुन लेते।
वीडियो में यह भी दिखाई दे रहा है कि काफी संख्या में छात्र नारे लगा रहे हैं और वह भी निदेशक के कार्यालय में...
इस वीडियो के उलट छात्रों ने दो वीडियो जारी किए हैं। पहले वीडियो में एक पुलिसवाला छात्र को धक्का देते हुए दिखाई दे रहा है जबकि दूसरे वीडियो में संस्थान के निदेशक विवाद बढ़ने से पहले छात्रों के साथ हंसते हुए बात कर रहे हैं।
बुधवार को अपनी बात रखते हुए निदेशक पाथराबे ने छात्रों की गिरफ्तारी को सही बताया और कहा, मुझे 8-10 घंटों तक गैर-कानूनी रूप से बंधक बनाए रखा गया। सवाल पूछते-पूछते मुझे प्रताड़ित किया गया। पाथराबे के कहना था कि छात्रों का व्यवहार अभद्र था और अपमानजनक था। वे मुझसे लगातार एक ही सवाल पूछ रहे थे जिसका जवाब किसी भी इंसान के लिए दे पाना नामुमकिन था।
उन्होंने आगे कहा कि ये लोग कैसे छात्र हो सकते हैं। वे लगातार मुझपर निर्णय वापस लेने का दबाव बनाते रहे। उन्होंने मेरे कार्यालय का सामान तोड़ा। और मैं घटना से अभी तक शॉक में हूं।
छात्र लगातार यह मांग कर रहे थे कि 2008 के बैच के सदस्यों को हॉस्टल ने हटाया जाए और बिना फाइनल प्रोजेक्ट जमा किए उनका छात्रों के परिणाम तैयार कर दिए जाएं।
निदेशक ने रात में पुलिस को बुलवाया और छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने उनके साथ उचित व्यवहार नहीं किया और मारपीट भी की।
पाथराबे ने 17 छात्रों के खिलाफ नामजद और 30 अज्ञात छात्रों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। गिरफ्तार पांच छात्रों को आज जमानत भी मिल गई।
उल्लेखनीय है कि करीब 200 छात्र 70 दिनों के लिए हड़ताल पर रहे हैं। ये छात्र टीवी एक्टर गजेंद्र चौहान को संस्थान का चेयरमैन बनाए जाने का विरोध कर रहे हैं।
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