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मुंबई:
राजनीतिक पार्टियों की फिल्म यूनियनें करती हैं जबरन वसूली और स्थानीय पुलिस भी उनसे मिली होती है। ये आरोप लगाया है एसोसिएशन ऑफ एडवर्टाइजिंग प्रोड्युसर्स यानी विज्ञापन फिल्म निर्माताओं ने। एसोसियेशन के सचिव साईरस पगड़ीवाला के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुंबई पुलिस आयुक्त राकेश मारिया से मिलकर अपना दर्द बयान किया और लिखित शिकायत भी की।
साईरस के मुताबिक सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियों की तकरीबन 9 यूनियनें हैं जो विज्ञापन फिल्म की शूटिंग के दौरान बिजनेस वीजा पर आए विदेशी कलाकारों को काम करने से रोकते हैं। कहते हैं इम्प्लॉयमेंट वीजा चाहिए। अब जब हम इम्प्लॉयमेंट वीजा का इंतजाम करते हैं तो भी शूटिंग रुकवाने की धमकी देते हैं। रुपये मांगते हैं, ना देने पर सेट पर हंगामा खड़ा करते हैं। साईरस के मुताबिक ऐसा पिछले दो साल से चल रहा है और हमारे लोग उन्हें हफ्ता देने को मजबूर हैं।
साईरस ने बताया कि हाल ही में शाहरुख खान के साथ महबूब स्टुडियों में एक ऐड फिल्म की शूटिंग के दौरान भी ऐसा ही हुआ था। हालांकि तब पुलिस के आने पर मामला सुलझ गया था। वर्ना तो रुपये लिये बिना वो काम नहीं करने देते।
एसोसियेशन का आरोप है कि सिर्फ राजनीतिक यूनियन ही नहीं, पुलिस वाले भी पहले अलग-अलग परमिशन और बाद में राउंडअप के नाम पर रुपये वसूलते हैं। एक दिन की शूटिंग में उन्हें 4 से 5 लाख रुपये इस तरह बतौर हफ्ता देना पड़ता है।
वहीं एमएनएस सिने विंग के अध्यक्ष अमेय खोपकर ने भी माना कि ऐसी वारदातें हो रही हैं और एसोसियेशन को ये शिकायत बहुत पहले करनी चाहिए थी। अब जब पानी सर से ऊपर जा रहा है तब वो बोल रहे हैं। अमेय का दावा है कि इसलीये हमारी यूनियन की तरफ से किसी को सेट पर जाने की अनुमति नहीं है। फिर भी कुछ फर्जी लोग हमारे नाम का इसतेमाल कर रहे हैं। हम खुद इससे परेशान हैं और चाहते हैं कि पुलिस इस अवैध वसूली के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे।
हैरानी की बात है कि ना तो एसोसियेशन ने और ना ही किसी ऐड फिल्म निर्माता ने आज तक इस जबरन वसूली के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज कराई है। पहली बार मुंबई पुलिस कमीश्नर से मिलकर शिकायत की गई है। एसोसियेशन के मुताबिक पुलिस कमीश्नर राकेश मारिया ने जरूरत पड़ने पर सुरक्षा देने के साथ ही सभी पुलिस परमिशन के लिये वन विंडो व्यवस्था करने का वादा भी किया है।
साईरस के मुताबिक सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियों की तकरीबन 9 यूनियनें हैं जो विज्ञापन फिल्म की शूटिंग के दौरान बिजनेस वीजा पर आए विदेशी कलाकारों को काम करने से रोकते हैं। कहते हैं इम्प्लॉयमेंट वीजा चाहिए। अब जब हम इम्प्लॉयमेंट वीजा का इंतजाम करते हैं तो भी शूटिंग रुकवाने की धमकी देते हैं। रुपये मांगते हैं, ना देने पर सेट पर हंगामा खड़ा करते हैं। साईरस के मुताबिक ऐसा पिछले दो साल से चल रहा है और हमारे लोग उन्हें हफ्ता देने को मजबूर हैं।
साईरस ने बताया कि हाल ही में शाहरुख खान के साथ महबूब स्टुडियों में एक ऐड फिल्म की शूटिंग के दौरान भी ऐसा ही हुआ था। हालांकि तब पुलिस के आने पर मामला सुलझ गया था। वर्ना तो रुपये लिये बिना वो काम नहीं करने देते।
एसोसियेशन का आरोप है कि सिर्फ राजनीतिक यूनियन ही नहीं, पुलिस वाले भी पहले अलग-अलग परमिशन और बाद में राउंडअप के नाम पर रुपये वसूलते हैं। एक दिन की शूटिंग में उन्हें 4 से 5 लाख रुपये इस तरह बतौर हफ्ता देना पड़ता है।
वहीं एमएनएस सिने विंग के अध्यक्ष अमेय खोपकर ने भी माना कि ऐसी वारदातें हो रही हैं और एसोसियेशन को ये शिकायत बहुत पहले करनी चाहिए थी। अब जब पानी सर से ऊपर जा रहा है तब वो बोल रहे हैं। अमेय का दावा है कि इसलीये हमारी यूनियन की तरफ से किसी को सेट पर जाने की अनुमति नहीं है। फिर भी कुछ फर्जी लोग हमारे नाम का इसतेमाल कर रहे हैं। हम खुद इससे परेशान हैं और चाहते हैं कि पुलिस इस अवैध वसूली के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे।
हैरानी की बात है कि ना तो एसोसियेशन ने और ना ही किसी ऐड फिल्म निर्माता ने आज तक इस जबरन वसूली के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज कराई है। पहली बार मुंबई पुलिस कमीश्नर से मिलकर शिकायत की गई है। एसोसियेशन के मुताबिक पुलिस कमीश्नर राकेश मारिया ने जरूरत पड़ने पर सुरक्षा देने के साथ ही सभी पुलिस परमिशन के लिये वन विंडो व्यवस्था करने का वादा भी किया है।
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