उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए चौथे चरण का मतदान आज चल रहा है. यूपी चुनाव में बीजेपी और सपा के बीच कड़ी टक्कर मानी जा रही है. इस बीच, दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग (Najeeb Jung) ने एनडीटीवी से कहा कि मेरा यह मानना है कि सपा इस बार यूपी में सरकार बनाएगी. यह मेरा एनालिसिस है. पूरे इलेक्शन का जो नतीजा निकलेगा, उसको लेकर ये मेरे विचार हैं. आज इलेक्शन एक राजनैतिक युद्ध बन गया है. हर युद्ध से पहले एक रूपरेखा और भूमिका बनाई जाती है चुनाव लड़ने की. पिछले 6 महीने में सोच कर लगा कि सपा आगे रही है.
जंग ने पीएम मोदी को कद्दावर नेता बताते हुए कहा, "भारत में सबसे कद्दावर नेता पीएम मोदी हैं. हिन्दी बेल्ट में उनका (नरेंद्र मोदी) कोई मुकाबला नहीं है. 2014, 2017 और 2019 के चुनाव में मोदी मुख्य चेहरा थे. ये चुनाव योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव के बीच में हैं. इसमें योगी, अखिलेश से आगे नहीं हैं. मोदी जी का उस पैमाने पर आगे न होने से फर्क पड़ेगा.
पूर्व उपराज्यपाल ने कहा कि किसान आंदोलन से किसानों का दिल टूट गया है. तरह तरह की बातें हुईं. उन्हें खालिस्तानी, आतंकवादी कहा गया. किसान पूरे देश में हैं और उसका स्वभाव दूसरे से मिलता है. पश्चिमी यूपी के किसानों को तकलीफ़ हुई है तो उसका असर सबको पड़ा है.
यूपी की चुनावी रेप पर उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि गिनती में अखिलेश यादव शायद आगे होंगे. किसानों की जिन्दगी पिछले 3 सालों में पीछे हो गई है. आवारा पशुओं ने भी किसान पर प्रभाव डाला है. ये मुद्दा पूरे यूपी में है. यूपी में पिछले 2 साल में 12.5 लाख से बढ़कर 35 लाख बेरोज़गार हैं. ये दुनिया देख रहा है कि उसके हम उग्र लोग आराम से हैं, लेकिन इन नौजवानों के पास कुछ नहीं है. ये उनको और उनके परिवार को प्रभावित कर रहा है. कोविड की दूसरी लहर को लोग भूले नहीं हैं. बहुत लोगों की मौत हुई है."
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उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में लोगों ने गंगा के दृश्य देखे थे. जिन लोगों ने अपने माता-पिता को कंधा दिया वह उस दर्द को अभी तक भूल नहीं पाए हैं.
जंग ने कहा, "योगी जी ने अपने अच्छे काम का जिक्र कम किया, लेकिन कैंपेन में उन्होंने जिन्ना और टोपी की बात कही. पूरे हिंदुस्तान में भ्रम है कि मसलमान एकतरफा वोट करता है. 40-50 साल पहले मुसलमान कांग्रेस को वोट करते थे. बाबरी मस्दिज के केस में मुसलमानों का वोट सपा को गया. इसके बाद बसपा और सपा सब में मुसलमान वोट बंटा है. इस बार मुसलमानों का 75-80 प्रतिशत वोट सपा की ओर जा रहा है. उसकी वजह सबको पता है."
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दिल्ली के पूर्व एलजी ने कहा कि किसानों के मुद्दे के बाद सपा की पोजिशन बढ़ी है. 7 महीने पहले सबको लगा था कि अखिलेश मेहनत नहीं कर रहे हैं, लेकिन अखिलेश बहुत सोच कर लड़ाई कर रहे थे. उन्होंने पिछड़ों को जोड़ने का काम किया. 2019 और 2017 में पिछड़ों ने बीजेपी को वोट किया था, लेकिन अब ये लोग अखिलेश की तरफ सरक रहे हैं.
उन्होंने दावा किया, "25-26 प्रतिशत पिछड़ों का वोट अगर अखिलेश की तरफ सरका तो बीजेपी के हाथ से चुनाव निकल जाएगा. अखिलेश ने मुस्लिम और यादव (MY) लोबल को अलग किया है. अपर कास्ट वोट काफी हद तक अखिलेश की तरफ जाएगा. यूपी में इंप्रेशन है कि योगी जी ने ठाकुरवाद किया है."
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उन्होंने कहा कि लाभार्थियों वाली बात काफी हद तक सच है, लेकिन लोगों को पता है जो लाभ आप दे रहे हैं वो अगली सरकार भी देगी. जिनको लाफ मिल गया है वो वापस नहीं जाएगा. अखिलेश ने कहा कि मैं महिलाओं की पेंशन रिवाइव कर रहा हूं. महिलाओं को 1000 - 2000 दे रहे हैं तो वो खुश हो जाएंगी. और राशन के साथ पैसा मिलेगा तो इससे ज्यादा अच्छा क्या होगा. लाभार्थियों को पता है ये अगली सरकार भी करेगी. इसमें कोई शक नहीं है कि पीएम मैदान में आएंगे तो हो सकता है चुनाव में फर्क पड़े.
जंग ने कहा कि ये बीजेपी के पक्ष में भारी प्वाइंट है कि पुरानी सरकार का लॉ एंड आर्डर सही नहीं था, लेकिन अखिलेश को अपनी पुरानी कमज़ोरी मालूम है. यादव और मुसलमानों को इस बार टिकट नहीं दिए तो वो अगले 6 महीने इसी बात पर ध्यान रखेंगे.
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